343 ट्रेनों की जगह दौड़ रही सिर्फ 48, 295 के पहिए अब भी जाम

रेल यातायात से कोरोना का छाया अब तक दूर नहीं हो सका है। इससे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलों के लाखों यात्रियों को रेल सफर में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिलासपुर रेलवे जोन से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोनाकाल से पहले दक्षिण पूर्व मध्य के रायपुर और बिलासपुर एवं नागपुर मंडल से यात्रियों को 184 मेल एक्सप्रेस और 159 पैसेंजर, मेमू, डेमू ट्रेनों से सफर करने का अवसर मिल रहा था लेकिन बीते 9 महीनों से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इन तीनों रेल मंडलों से केवल 48 जोड़ी यानी अप-डाउन मिलाकर 96 स्पेशल यात्री ट्रेनें ही चल रही हैं।
जोन के इस 48 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों में 13 जोड़ी रेगुलर स्पेशल हैं। 4 जोड़ी फेस्टिवल स्पेशल व पासिंग ट्रेनें 20 जोड़ी रेगुलर स्पेशल हैं। 15 जोड़ी फेस्टिवल स्पेशल चल रही हैं। एक आंकड़े के मुताबिक सामान्य दिनों में बिलासपुर जोन के अंतर्गत तीनों रेल मंडलों से रोजाना गुजरने वाली 343 यात्री ट्रेनों से महीनेभर में करीब 1 करोड़ से अधिक रेल यात्री सफर करते हैं।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि वर्तमान में महज 48 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों से जोन क्षेत्र के यात्री कैसे आरामदायक सफर कर पा रहे होंगे। वहीं लोकल यात्रियों के लिए एक भी लोकल ट्रेन नहीं है। ऊपर से स्पेशल ट्रेनों में सफर के लिए कन्फर्म टिकट की झंझट उठानी पड़ रही है। ट्रेनों की सीटें खाली जा रही हैं लेकिन यात्रियों को यात्रा का अवसर नहीं मिल पा रहा है।
शहरों के लिए डायरेक्ट ट्रेनों की कमी
सीमित संख्या में स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के कारण रायपुर और नागपुर एवं बिलासपुर व देश के कई दूसरे शहरों जैसे लखनऊ और राजस्थान के बीच यात्रियों को डायरेक्ट रेल यात्रा की सुविधा नहीं मिल पा रही। इससे स्पेशल ट्रेनों से सफर करने वाले ज्यादातर यात्रियों को उनके शहरों के लिए पहले की तरह सीधे ट्रेन के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इससे एक तो यात्रियों को अपने गंतव्य के दौरान एक से अधिक स्टेशनों पर ट्रेनें बदलनी पड़ रही हैं साथ ही उन्हें बार-बार टिकट कन्फर्मेशन व टिकट आरक्षण का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।
रेगुलर यात्रियों को भारी परेशानी
लाेकल स्टेशनों के लिए रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को नियमित ट्रेनों के परिचालन नहीं होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक तो उन्हें सही समय पर गंतव्य के लिए ट्रेन उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। वहीं रोजाना टिकट आरक्षण का आर्थिक भार वहन करना मुश्किल हो गया है। खासतौर पर मजदूर व मध्य वर्ग के छोटे कारोबारी और कामकाजी लोगों की दिक्कत बढ़ी है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS