Raipur: भारतीय रेलवे की वसूली जारी, तीन साल से लोकल ट्रेन के यात्रियों से ले रहे एक्सप्रेस का किराया

लोकल में 8 हजार से अधिक यात्री करते हैं सफर
जोन में चलने वाली स्पेशल मेमू ट्रेनों की संख्या 15 से अधिक है। इसमें रोजाना सफर करने वाले यात्री 8 हजार से अधिक हैं। केवल रायपुर में 2500 एमएसटी कार्ड धारक यात्री हैं। इसी तरह दुर्ग, भिलाई, भाटापारा और बिलासपुर में 1500 से 2000 तक एमएसटी यात्री हैं। और आम यात्रियों की संख्या 1 हजार से अधिक बताई जा रही है। कोरोना के खत्म होने के बाद रेलवे में सब सामान्य हो चुका है, लेकिन फिर भी रेलवे ने लोकल ट्रेनों (Railway Local Trains) से स्पेशल का टैग नहीं हटाया है। यात्री तीन सालों से लोकल में सफर करने के बाद भी एक्सप्रेस का किराया देने को मजबूर हैं।
यात्रियों की कमी बताकर शुरू की थी स्पेशल ट्रेन
लोकल ट्रेनों में किराया नहीं घटाने के पीछे रेलवे के जानकारों का कहना है कि जब एक्सप्रेस ट्रेनों (Express Trains) से स्पेशल टैग हटाया गया था, उस समय लोकल ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम थी। इस वजह से नुकसान से बचने के लिए किराया कम नहीं किया था, लेकिन वर्तमान में लोकल ट्रेनों में यात्री पहले की तरह सफर कर रहे हैं। ऐसे में अब यात्रियों को लोकल में सफर करने वाले को एक्सप्रेस का किराया देना पड़ रहा है। वर्तमान में रायपुर से डोंगरगढ़, कोरबा, रायगढ़, गोंदिया, नागपुर और झारसुगड़ा तक चलने वाली मेमू ट्रेन में अधिक किराया देना पड़ रहा है।
बैठक में उठा मुद्दा लेकिन नहीं मिला जवाब
रेलवे की मंडल और क्षेत्रीय बैठक में लोकल ट्रेनों (Local Trains) का किराया कम करने पूर्व में भी सलाहकार सदस्यों ने रेलवे का इस ओर ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन इसका सदस्यों को जवाब भी नहीं मिला। जब एक्सप्रेस का किराया कम करने आदेश आया था, तो यात्रियों को उम्मीद थी कि लोकल का किराया भी जल्द कम होगा, लेकिन रेलवे ने लोकल ट्रेनों से स्पेशल टैग हटाया नहीं और नई अंतागढ़ मेमू ट्रेनों का परिचालन स्पेशल से कर दिया।
मेमू लोकल व पैसेंजर में दोगुना किराया
कोविड कॉल में शुरू की गई मेमू लोकल स्पेशल व पैसेंजर स्पेशल ट्रेन (Passenger Special Train) में सफर करने वाले यात्रियों को जहां बिलासपुर (Bilaspur) का किराया 25 रुपए देना पड़ता था, वह उन्हें अभी 50 रुपए देना पड़ रहा है, जबकि रायपुर से कोरबा का किराया एक्सप्रेस ट्रेन की तरह 90 रुपए देना पड़ता है। इन ट्रेनों में मैक्सिमम डिस्टेंस 50 किलोमीटर का टिकट जारी होता है। इसलिए छोटे छोटे हाल्ट स्टेशनों में 10 रुपए में पहुंचने वाले यात्रियों को 30 रुपए तक किराया देने मजबूर होना पड़ रहा है। दुर्ग और भिलाई के लिए 30 रुपए देना पड़ रहा है, जो कोरोना से पहले 15 से 20 तक में सफर तय होता था।
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