इंदिरा गांधी कृषि विवि परिसर में दो नए कृषि उत्पाद विक्रय केंद्रों की शुरुआत

इंदिरा गांधी कृषि विवि परिसर में दो नए कृषि उत्पाद विक्रय केंद्रों की शुरुआत
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कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल अब रंग लाने लगी है। कृषि उद्यमिता विकास की दिशा में शनिवार का दिन महत्वपूर्ण रहा। विश्वविद्यालय परिसर स्थित व्यावसायिक परिसर में कुलपति डाॅ. एसके पाटील ने दो नए विक्रय केंद्रों का उद्घाटन किया।

कृषि के क्षेत्र में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल अब रंग लाने लगी है। कृषि उद्यमिता विकास की दिशा में शनिवार का दिन महत्वपूर्ण रहा। विश्वविद्यालय परिसर स्थित व्यावसायिक परिसर में कुलपति डाॅ. एसके पाटील ने दो नए विक्रय केंद्रों का उद्घाटन किया।

ये विक्रय केंद्र ट्रायफेड (ट्रायबल काॅपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) एवं आर्या (अट्रैक्टिंग रूरल यूथ इन एग्रीकल्चर) द्वारा संचालित किए जाएंगे। इस अवसर पर क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन भी किया गया और विभिन्न कृषक उद्यमियों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन तथा विक्रय भी किया गया।

कुलपति डाॅ. पाटील ने ग्राम-कुकरा (आरंग) में कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर के मार्गदर्शन में गठित आरूग कृषक उत्पादक कंपनी का शुभारंभ किया और ग्राम लखौली (आरंग) में कंपनी के विक्रय केंद्र का उद्घाटन किया।

विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ. पाटील ने कहा कि विश्वविद्यालय के व्यावसायिक परिसर में ट्रायफेड और आर्या के विक्रय केंद्र खुलने से कृषि उद्यमिता विकास से जुड़े कृषक उत्पादक संगठनों और महिला स्व-सहायता समूहों तथा कृषि उद्यमियों को अपने उत्पादों के विक्रय के लिए उपयुक्त स्थान मिलेगा तथा क्रेताओं को अच्छे गुणवत्तायुक्त उत्पाद क्रय करने की सुविधा प्राप्त होगी।

ई-प्लेटफार्म आने से कृषकों को राहत

डाॅ. पाटील के मुताबिक विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों के मार्गदर्शन में संचालित कृषक उत्पादक संगठन काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं और उनके माध्यम से प्रगतिशील एवं नवोनमेषी कृषकों को अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि आज विभिन्न ई-काॅमर्स प्लैटफाॅम के आ जाने से ऐसे उत्पादकों को अपने उत्पादों को विक्रय करने के लिए विक्रय केंद्रों की ज्यादा आवश्यकता नहीं रही और वे अपने उत्पाद इन ई-काॅमर्स एप्स के माध्यम से आसानी से विक्रय कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रायपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन में संचालित आरूग कृषक उत्पादक कंपनी आज रेड राइस, ग्रीन राइस, जिंक राइस, प्रोटेजिन, जवांफूल चावल आदि का जैविक विधि से उत्पादन कर इन्हें अच्छे दामों पर बेच रहे हैं। उन्होने ज्यादा से ज्यादा किसानों से इस कृषक उत्पादक कंपनी से जुड़ने का आव्हान किया।

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