13 जनवरी के बाद घोषित होगी प्रदेश के वन्य अभ्यारण्यों और टाइगर रिज़र्व में मौजूद बाघों की जानकारी

रायपुर: राज्य के जंगलों में बाघ खोजना भूसे की ढेर में सुई खोजने के बराबर था, लेकिन पिछले एक महीने के भीतर राज्य के अचानकमार टाइगर रिजर्व तथा इंद्रावती टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले भोपालपटनम में मादा बाघ के साथ दो शावकों के आम लोगों द्वारा देखे जाने की सूचना मिलने तथा साक्ष्य के तौर पर फोटो मिलने से वन विभाग के अफसर उत्साहित हैं। पीसीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पीवी नरसिंग राव ने जिन स्थानों में बाघ देखे जाने की पुष्टि हुई है। उस क्षेत्र की निरंतर मॉनिटरिंग करने के साथ बाघों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
26 दिसंबर को दुर्ग आरटीओ अनुभव शर्मा ने अचानकमार भ्रमण के दौरान बाघ देखने का दावा किया
उल्लेखनीय है, 26 दिसंबर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर अनुभव शर्मा जो वर्तमान में दुर्ग आरटीओ में पदस्थ है। अचानकमार टाइगर रिजर्व में परिवार के साथ भ्रमण के दौरान सरई पानी में बाघ देखे जाने का दावा करते हुए अपने कैमरे से तीन से चार एंगल में अलग-अलग फोटो खींची है। श्री शर्मा के मुताबिक गाइड के साथ जब वे जंगल में सैर कर रहे थे। इसी बीच गाइड ने उसे चीखते हुए एक चट्टान के पास बाघ होने की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने आनन-फानन में कैमरा निकालकर बाघ की फोटो खींच वन विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध कराया।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बाइक सवार ने बाघिन के साथ दो शावकों को देखे जाने का दावा किया
पिछले दिनों इंद्रावती टाइगर रिजर्व स्थित भोपालपटनम के जंगल में एक बाइक सवार ने एक बाघिन के साथ दो शावकों को देखे जाने का दावा किया है। वन अफसरों ने भी पग मार्क मिलान करने के बाद क्षेत्र में बाघिन के साथ शावक होने की पुष्टि की है।
गश्त के साथ मॉनिटरिंग करने निर्देश
अचानकमार टाइगर रिजर्व में लगातार बाघ मौजूद होने की जानकारी वन अफसरों को स्थानीय रहवासियों के माध्यम से मिल रही है। बाघ देखे जाने की पुष्टि होने के बाद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पीवी नरसिंग राव ने फील्ड अफसरों को बाघ के मूवमेंट की जानकारी लेने और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बाघ को अपने रहवास क्षेत्र में अनुकूल माहौल मिल सके, ऐसी स्थिति निर्मित करने कहा है।
वैज्ञानिक पुष्टि के बाद संख्या की जानकारी
अचानकमार टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एस. जगदीशन तथा डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा के मुताबिक एटीआर में बाघों की गणना के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरा को 13 जनवरी को निकाला जाएगा। इसके बाद ट्रैप कैमरा से प्राप्त सभी फोटो को वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (WII) को भेजा जाएगा। इसके बाद बाघों की धारी का वैज्ञानिक आधार पर मिलान करने के बाद क्षेत्र में कितने बाघ हैं, इसकी संख्या की घोषणा WII करेगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS