अनुप्रभा फाउंडेशन की पहल : होली मिलन समारोह के साथ नारी सम्मान का भी कार्यक्रम

रायपुर। अनुप्रभा फाउंडेशन का होली मिलन कार्यक्रम संपन्न हुआ। फाउंडेशन की मेंम्बर्स नैवेद्य श्रीवास्तव और रेनू छेत्री ने गुलाल लगाकर होली के गानों पर नृत्य कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद सभी मेंम्बर्स ने सुरीली आवाज में गीतों की प्रस्तुति दी। फिर प्रीति श्रीवास्तव और आयुषी तिवारी ने पूजा की तैयारी की और सभी ने मां दुर्गा की पूजा की और आरती कर भोग लगाया।

इसके बाद नारी सम्मेलन शुरू हुआ। सभी मेंम्बर्स ने अपने-अपने विचार रखे। इसके बाद मनोज तिवारी, रीना श्रीवास्तव डॉक्टर आरती उपाध्याय और किरण बघेल मुख्य अतिथि रहे। इनकी उपस्थिति में काजल कुलश्रेष्ठ कोर्फबॉल कोच और साइकोलॉजिस्ट सिम्मी श्रीवास्तव, स्कूल प्रिंसिपल आकांक्षा, वरिष्ठ समाज सेविका अर्चना वोरा, वरिष्ठ समाज सेविका सुषमा ध्रुव, गजपले डेंटिस्ट वोमीका, वरिष्ठ समाज सेविका संस्था हेल्पिंग हैंड की अध्यक्ष सभी को नारी सम्मान, श्रीफल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
हर नारी सम्माननीय है- अमृता
अध्यक्ष अमृता श्रीवास्तव ने सभी को बधाई दी और कहा कि सभी विनर नारी सम्मान और सारे पदाधिकारी इसी तरह हमेशा हर जगह, हर फील्ड में सम्मान प्राप्त करें। हर नारी सम्माननीय है, सबका साथ, सबका विकास। इसी के साथ सभी ने अपने-अपने अनुभव शेयर किया। इसके बाद होली खेलो वीडियो प्रतियोगिता रखी गई, जिसमें चयनित विजेता बरखा श्रीवास्तव, भारती शर्मा, संजना परिहार और रितु शर्मा को पुरस्कार वितरण किया गया। फिर सभी ने गरमा-गरम नाश्ते का लुत्फ उठाया।
महिलाओं की मजबूरी को समझना चाहिए- अर्चना बोरा
अर्चना बोरा ने बताया कि महिलाओं को दिन भर काम करना पड़ता है। अगर वह बाहर रहती हैं तो उनके बारे में गलत राय ना बनाएं। कई महिलाओं की मजबूरी होती है, उन्हें दिन भर बाहर रहकर काम करना पड़ता है। उनकी मजबूरी को समझना चाहिए। हर महिला का अपना एक मुकाम होता है, वह मेहनत करके आगे बढ़ती है। वरिष्ठ सोशल वर्कर भारती शर्मा ने अपनी आपबीती बताई कि वह 5 किलोमीटर पैदल चलकर अपने कार्यस्थल पर आती थी और सुबह 7:00 बजे से निकलकर रात के 8:00 बजे अपने बच्चों से मिलती थी। इतनी मेहनत कर वह अपने दोनों बच्चों को संभाल रही हैं।
वर्किंग वुमेंस को परिवार का सपोर्ट मिलना ही चाहिए : डॉक्टर आरती सोनवानी
अपने अनुभव साझा करते हुए डॉक्टर आरती सोनवानी ने बताया कि वह एक डॉक्टर हैं, कई तरह के पेशेंट को हैंडल करती हैं। कई बार बहुत रात तक बाहर भी रहना पड़ता है। उसके बाद में घर का काम संभालना होता है। उन्होंने आगे कहा कि, उनके पति उन्हें बहुत सपोर्ट करते हैं। इसी तरह एक महिला को हर घर में उसके पति और बच्चों द्वारा सपोर्ट करना चाहिए। अंत में डॉक्टर आरती उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया। सुरेश श्रीवास्तव, नैवेद्य श्रीवास्तव, रजत, प्रवीण इसस कार्यक्रम के विशेष सहयोगी रहे।
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