घायल मिला हिमालयन गिद्ध एक माह बाद उड़ान भरने को तैयार

घायल मिला हिमालयन गिद्ध एक माह बाद उड़ान भरने को तैयार
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खैरागढ़ वनमंडल के जंगल में अपने दल से बिछड़कर बेहोशी तथा घायल अवस्था में मिले हिमालय में पाए जाने वाला विलुप्त प्रजाति का गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। अब वह उड़ान भरने के लिए तैयार है।

रायपुर। खैरागढ़ वनमंडल के जंगल में अपने दल से बिछड़कर बेहोशी तथा घायल अवस्था में मिले हिमालय में पाए जाने वाला विलुप्त प्रजाति का गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। अब वह उड़ान भरने के लिए तैयार है। गिद्ध को उपचार के लिए जंगल सफारी में लाया गया था, जहां उनकी लगातार एक महीने तक निगरानी करने तथा दवा देने के बाद ठीक किया जा सका। वन्यजीव चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा के मुताबिक सेरेनियस वल्चर (गिद्ध) 17 दिसंबर को खैरागढ़ वनमंडल के अरण्य क्षेत्र में भूखा-प्यासा बेहोशी की हालत में मिला था।

गिद्ध की हालत बेहद खराब थी, इस वजह से खैरागढ़ वनमंडल के अधिकारियों ने प्रारंभिक उपचार करने के बाद उसे उचित इलाज के लिए जंगल सफारी रेफर कर दिया। डॉक्टर के मुताबिक गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। गिद्ध के पंखों में चोट लगी थी, जिसकी वजह से वह उड़ान नहीं भर पा रहा था। भूखा-प्यासा होने के कारण गिद्ध बेहोश होकर गिर गया था। सफारी में वल्चर के पंखों पर लगे जख्म ठीक करने के लिए एंटीबायाेटिक दवाओं के साथ इम्युनिटी बढ़ाने की दवाएं दी गईं, तब जाकर गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो पाया।

माइग्रेटेड बर्ड है सेरेनियस

वन्यजीवों के जानकारों के मुताबिक सेरेनियस एक माइग्रेटेड बर्ड है। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक यह बर्ड अपने दल के साथ खैरागढ़ के रास्ते हजारों किमी. का सफर तय कर कहीं जा रहा था।

ठंड में इसलिए जगह छोड़ देते हैं गिद्ध

पक्षियों के जानकारों के मुताबिक ठंड शुरू होने के साथ ठंडी जगहों में रहने वाले ज्यादातर पक्षी अपना स्थान छोड़ सुरक्षित जगह की तलाश में चले जाते हैं। फरवरी-मार्च में ठंड कम होने के बाद पक्षी वापस अपने क्षेत्र के लिए उड़ जाते हैं। यही वजह है कि हिमालय में पाए जाने वाला सेरेनियस वल्चर खैरागढ़ में मिला।

जहां रेस्क्यू किया, उसी जगह से छोड़ेंगे

सफारी प्रबंधन के मुताबिक गिद्ध रास्ता न भटके और अपने दल से सुरक्षित मिल सके, इस बात को ध्यान में रखते हुए गिद्ध को उसी जगह छोड़ा जाएगा, जहां वह बेहोशी की हालत में मिला था। गिद्ध को किसी दूसरी जगह छोड़े जाने से उसके रास्ता भटकने की आशंका है।

अनुमति मिलने के बाद छोड़ेंगे

सफारी में उपचार के लिए लाया गया गिद्ध पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। गिद्ध को उसी जगह से छोड़ा जाएगा, जहां से उसे रेस्क्यू किया गया था। गिद्ध को छोड़ने के पहले चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अनुमति मांगी गई है। रिपोर्ट से संतुष्ट होने के बाद मुख्यालय से गिद्ध को छोड़ने की अनुमति मिल पाएगी। उसके बाद ही उसे छोड़ा जाएगा।

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