अभिनव पहल : कुपोषित बच्चों के घर लगाई जा रही सुपोषण वाटिका, कार्ड में बच्चे के साथ पौधों का भी जिक्र, दर्ज होगा पौधों के सुपोषण का भी आंकड़ा

रविकांत सिंह राजपूत - कोरिया। छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला प्रदेश और देश का संभवत: पहला जिला बन गया है, जिसने बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए पौधों को भी एक टूल के रूप में इस्तेमाल करने की पहल की है। कलेक्टर कोरिया कुलदीप शर्मा के इस नवाचार के तहत कुपोषित बच्चों के सुपोषण कार्ड में ही अब उनके यहां लगाए जा रहे मुनगा और पपीता के पौधों का भी नाम दर्ज होगा। इन पौधों के सुपोषण का आंकड़ा भी नियमित अंतराल में बच्चे की ग्रोथ के साथ दर्ज किया जाता रहेगा।
कोरिया जिले की रहने वाली अंशिका की उम्र 3 साल 9 महीने है, लेकिन उसका वजन सिर्फ 10 किलो 800 ग्राम है। जबकि डाक्टर्स के अनुसार अंशिका की उम्र की बच्चियों का वजन 14 से 16 किलोग्राम तक होना चाहिए। दरअसल अंशिका कुपोषण का शिकार है और उसके माता-पिता इस बात से चिंतित थे कि उनकी बेटी का पोषण स्तर कैसे बढ़ेगा। अंशिका और उसके परिवार को ये न लगे कि उनकी बेटी बीमार है या फिर उसका विकास सही ढंग से नहीं हो रहा है, इसके लिए कोरिया जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है। अंशिका के घर में ही पपीता और मुनगा का पौधा लगाया गया है। इन पौधों का परिवार के सदस्यों के नाम पर नामकरण किया गया है, ताकि ये पौधे परिवार के सदस्य बन जाएं और बच्चे के साथ ही इनकी भी देखभाल हो।
कार्ड में पौधों का भी विवरण
खास बात यह है कि अंशिका के लिए बने सुपोषण कार्ड में इन पौधों का विवरण भी शामिल किया गया है और अंशिका के पोषण परिवर्तन के साथ ही इन पौधों के भी परिवर्तन की जानकारी इस कार्ड में एक साथ भरी जाएगी। कोरिया जिला छत्तीसगढ़ और संभवतः देश का पहला जिला है जहां कुपोषित बच्चे के साथ ही उसके घर में लगाए गए पौधों का भी सुपोषण कार्ड बनाया जा रहा है। सुपोषण कार्ड के एक हिस्से में पौधे की और दूसरे हिस्से में कुपोषित बच्चे की जानकारी दर्ज की जाएगी। कोरिया जिले में कुपोषण की दर को कम करने के लिए सुपोषण बाड़ी तैयार करने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिले के सभी विकासखंडों में ऐसे बच्चे जो कुपोषण की श्रेणी में हैं उनके घरों में मुनगा और पपीता के पौधे लगाए जा रहे हैं।
ओड़गी पंचायत से योजना की शुरुआत
इस अभिनव पहल की शुरूआत कोरिया जिले के ओड़गी ग्राम पंचायत से की गई है। यहां कुपोषण की श्रेणी में दर्ज बच्ची अंशिका के घर में संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव और कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने खुद पपीता और मुनगा का पौधा लगाकर इसकी शुरुआत की। मुनगा और पपीता के पौधों को पोषण स्तर बढ़ाने के मामले में काफी गुणकारी माना जाता है, इनके फायदों को देखते हुए ही इन्हें लगाने का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है। इस तरह से कुपोषित बच्चे के विकास के साथ ही पौधे का भी विकास होगा और घर में ही सुपोषण बाड़ी भी तैयार होती जाएगी। जिसका परिणाम है कि जिले में कुपोषण का प्रतिशत जो इस योजना के प्रारंभ में 24.52 प्रतिशत था, वह घटकर 6.41 प्रतिशत हो गया है।
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