International Daughters Day : अस्मत बचाने बेटियों की छत्तीसगढ़ महतारी से गुहार- 'बचा न दाई'

International Daughters Day : अस्मत बचाने बेटियों की छत्तीसगढ़ महतारी से गुहार- बचा न दाई
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जयस्तंभ चौक के पास चित्रकला के जरिए अनाचार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस पर विरोध। पढ़िए पूरी खबर ...

रायपुर। आए दिन अस्मत के लुटेरे आपराधिक (robber criminal)घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। प्रशासन (Educated) की चुप्पी और कार्रवाई में खानापूर्ति से तंग आ चुकी शिक्षित व जागरूक बेटियों ने सरकार को जगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस (International Daughters Day)पर काली पट्टी बांधकर जयस्तंभ चौक(Jaistambh Chowk) पर विरोध- प्रदर्शन किया। बेटियों ने चित्रकला के जरिए अपनी व्यथा लोगों के सामने रखी। इसमें एक ऐसी तस्वीर बनाई, जिसमें एक बेटी छत्तीसगढ़ महतारी (Chhattisgarh Mahtari )से अस्मत के लुटेरों से बचाने के लिए 'बचा न दाई' की गुहार लगाती हुई नजर आई।

शहर के मल्टीलेवल पार्किंग में युवती से अनाचार समेत आए दिन होने वाली इस तरह की घटनाओं के खिलाफ शिक्षित व जागरूक बेटियों में अब रोष गहराने लगा है। इसका नजारा रविवार को अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस पर देखने को मिला। मदर्स केयर विमेंस एंड चिल्ड्रन वेलफेयर सोसाइटी की सहायक संस्था मर्दानी वाहिनी संस्था की अध्यक्ष हरशीला रूपाली के साथ दर्जनों युवतियां सुबह 10 बजे जयस्तंभ चौक के पास पहुंचीं। बिना नारेबाजी व उपद्रव किए उन्होंने अपनी भावनाओं और पीड़ा को चित्रकला के जरिए कैनवास पर उकेरा। काली पट्टी बांधी और चित्रों को हाथों में लेकर चौक के पास खड़ी हुईं तो आने-जाने वाले राहगीरों का ध्यान अनायास ही इनकी तरफ गया।

तस्वीरों में उकेरी बेटियों की पीड़ा

छत्तीसगढ़ महतारी के रौद्र रूप को तस्वीर में दिखाने का अनोखा प्रयास किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ महतारी के सीधे हाथ में हंसिया और दूसरे हाथ में महतारी से लिपटी छोटी-सी • बच्ची अपनी अस्मत को बचाने के लिए बचा न दाई की गुहार लगाती हुई दिखाई दे रही है। यह चित्र अपने आप में बहुत-सी घटनाओं को स्पष्ट करने के लिए काफी रहा। संस्था की अध्यक्ष ने बताया कि कॉलेज छात्राएं, स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियां भी इसमें शामिल हुई। इस दौरान ट्रांसजेंडर संघ के सदस्यों और सामाजिक संस्थाओं ने भी मौके पर पहुंचकर इन्हें समर्थन दिया।

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