International Yoga Day : योग में ऐसे रमे कि लेखू से बन गए लेखूराम देव बाबा

महेश मिश्रा. कवर्धा. कबीरधाम जिले के अंतर्गत विकासखंड पंडरिया के एक छोटे से गांव सोड़ा से करीब 11 वर्ष पूर्व विश्व योग गुरु बाबा रामदेव से प्रभावित होकर तथा पतंजलि योग समिति से प्रचारक कैलाश चंद्रवंशी की उंगली थामकर योग की राह पर चले लेखूराम चंद्रवंशी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। योग के प्रति पूरी तरह समर्पित हो चुके श्री चंद्रवंशी को आज कबीरधाम ही नहीं बल्कि लगभग प्रदेश के कई जिलों में लोग लेखूराम देव बाबा के नाम से जानने और पहचानने लगे हैं।
लेखूराम 22 वर्ष के छात्र जीवन में ही वर्ष 2010 में पतंजली योग समिति के प्रचारक कैलाश चंद्रवंशी के संपर्क में आए थे और वे योग के प्रति आकर्षित होकर उनके साथ योग को लोगों की दिनचर्या में शामिल करने तथा योग को घर घर पहुंचने में जुट गए। कैलाश चंद्रवंशी के ही सहयोग से लेखू को योग प्रशिक्षण के लिए हरिद्वार भेजा गया जहां से उन्होंने योग का संपूर्ण प्रशिक्षण लिया और फिर पतंजलि योग समिति से जुड़कर योग व स्वदेशी प्रचार बन गए। तब से लेकर वे निरंतर योग व स्वदेशी प्रचार के रूप में कार्य कर रहे हैं।
जिले के 350 गांव, प्रदेश के 25 जिले और देश के 6 राज्यों में लगा चुके हैं शिविर
योग गुरु लेखूराम देव बाबा अभी तक जिले के 350 गांव, प्रदेश के 25 जिले और देश के 6 राज्यों में योग शिविर लगा चुके हैं। वे गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के लोगों को भी शिविर के माध्यम से योग के गुर सिखा चुके हैं। वर्तमान कोरोना संकटकाल में गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन योग शिविर लगा रहे हैं। जाए प्रदेश के कई जिले व राज्य के लोग जुड़े हैं। उनका उद्देश्य है की योग को हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में शामिल कर आदर्श दिनचर्या का पालन करें ताकि स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके।
विश्व गुरु बाबा रामदेव से इतने प्रभावित कि...
लेखुराम चंद्रवंशी विश्व गुरु बाबा रामदेव से इतने प्रभावित हुए की उन्होंने अपने आप को बाबा रामदेव के रूप में ढाल लिया है, गेरुआ वस्त्र, चेहरे पर दाढ़ी, पैर में काठ की चप्पल और हाव, भाव व बोलने, हंसने का अंदाज भी खूबहू बाबा रामदेव की ही तरह। यही वजह है की आज वे लेखुराम देव बाबा कहे जाते हैं।
विश्व योग दिवस पर दिया संदेश
लेखूराम देव बाबा ने विश्व योग दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्तमान में कोरोना ने हमें यह संदेश दिया है कि हमें हर हाल में शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे बेहतर साधन योग है।
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