उद्योगों पर बकाया पौने तीस हजार लाख रुपए जल का कर

उद्योगों पर बकाया पौने तीस हजार लाख रुपए जल का कर
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छत्तीसगढ़ में उद्योगों पर बकाया जलकर की राशि वसूलने में ढिलाई से यह राशि लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को आरसीसी जारी कर वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं कई मामले न्यायालय में लंबित होने के कारण वसूली नहीं हो पा रही है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में उद्योगों पर बकाया जलकर की राशि वसूलने में ढिलाई से यह राशि लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को आरसीसी जारी कर वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं कई मामले न्यायालय में लंबित होने के कारण वसूली नहीं हो पा रही है। जनवरी 2019 में 118 उद्योगों पर 162943.983 लाख रुपए की राशि बकाया थी, जो दिसंबर 2022 तक बढ़कर 287514.712 लाख रुपए हो गई है। राज्य शासन द्वारा वूसली के लिए

कार्ययोजना बनाकर कार्रवाई की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में उद्योगों को नदियों के माध्यम से दिए जाने वाले पानी के टैक्स वसूली लगातार लंबित होने के कारण यह लगातार बढ़ती जा रही है। सिंचाई विभाग नहर, एनीकट और डायवर्सन से पानी देने पर ही जल कर लेता है। सिंचाई विभाग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार प्रदेश के उद्योगों को दिए जाने वाले जल के बदले में विभाग द्वारा औद्योगिक प्रयोजन से ताप विद्युत प्रयोजन से बांध, एनीकट और बैराज जो विभागीय मद से निर्मित जल संग्रहण संरचना से 10.50 रुपए प्रति घन मीटर के हिसाब से लिया जाता है। नहर प्रधाली से दिया जाने वाले जल पर कर 12.26 प्रति घन मीटर तक लगता है।

वहीं अन्य उद्योगों को अलग-अलग दर से जल कर की वूसली की जाती है। यह राशि कई बड़े उद्योगों से वूसली की जानी है। बताया जाता है कि कई मामलों में विवाद की स्थिति होने पर यह मामला न्यायालय में लंबित है। राज्य शासन द्वारा ऐसे मामलों में शासन ने अपन पक्ष रखा है।

विभाग कर रहा प्रयास

विभागीय जानकारी के अनुसार जल कर वसूली के संबंध में विभागीय सचिव द्वारा लगातार की समीक्षा की जाती है। अब तक विभाग ने ऐसे उद्योगों की सूची बनाकर उन्हें आरसीसी के तहत नोटिस जारी किया है। कांग्रेस सरकार बनने के समय जनवरी 2019 में यह राशि 162943.983 लाख रुपए थी। समय पर निर्देश जारी न होने के कारण तीन साल में बढ़कर यह राशि 270276 लाख रुपए हो गई। चालू वित्तीय वर्ष के माह दिसंबर में यह राशि 287814 लाख रुपए तक हो गई है। विभाग अब इस राशि के वसूली के लिए कार्ययोजना बना रही है।

बाेर कर पानी लेने वाले उद्योगों से भी वसूली

बताया गया है कि अब जमीन में गहराई तक पंप खोदाई करने के साथ ही अन्य स्रोतों से बड़े पैमाने पर भू-जल का व्यावसायिक उपयोग करने वाले उद्योगों से भी अब जल कर की वसूली की जाएगी। केंद्रीय भू-जल बोर्ड ने सिंचाई विभाग को इन उद्योगों की सूची भेजी है, जिनसे टैक्स वसूल किया जाना है। इन उद्योगों को सिंचाई विभाग से अनुबंध के बिना पानी निकालने पर तीन गुना जुर्माना भी हो सकता है।

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