कालेज है या कोई सरायखाना : प्राचार्य ने दे दी जान, फिर भी नहीं सुधरा भिलाई डिग्री कॉलेज का स्टाफ, समय पर चपरासी तक नहीं पहुंचता

भिलाई। भिलाई के शासकीय नागरिक कल्याण कॉलेज में प्राचार्य की मौत के बाद भी सुधार नहीं हुआ है। शुक्रवार सुबह क्लास अटेंड करने के लिए कॉलेज स्टूडेंट्स पहुंचे, लेकिन कॉलेज में समय पर एक चपरासी तक नहीं पहुंचा था। सभी स्टूडेंट्स कॉलेज परिसर में घंटों तक टीचर का इंतजार करते रहे। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज में ये स्थिति आये दिन बनी ही रहती है। इसी सुधार के लिए प्रभारी प्राचार्य डॉ. भुवनेश्वर नायक लगातार लड़ाई लड़ते रहे, लेकिन स्टाफ ने उनकी एक नहीं सुनी। छात्र-छात्राओं का ये भी कहना है कि अगर अब भी कॉलेज में क्लासेज समय पर शुरू नहीं हुईं तो हम आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगे।
नागरिक कल्याण कॉलेज के जनभागीदारी के अध्यक्ष अमन सिंह ने बताया की कॉलेज में क्लास सुबह 7.30 बजे से शुरू होती है। लेकिन 10.30 बजे तक कॉलेज में एक भी टीचिंग और नॉनटीचिंग स्टाफ नहीं पहुंचा था। सुबह की पहले शिफ्ट में बीकॉम के 40-50 बच्चे आए थे। तीन घंटे इंतजार के बाद भी जब कोई नहीं आया तो वह लोग निराश होकर वापस अपने घर चले गए। कॉलेज का यही रवैया पहले से चलता आ रहा है। एक भी स्टाफ नायक सर का आदेश नहीं मानते थे। स्टाफ पर दबाव डालने से झगड़ा के लिए उतारू हो जाते थे। कॉलेज की अवस्था को लेकर वह मानसिक रूप से काफी परेशान रहते थे। उन्होंने अमन को कहा भी था कि कॉलेज में कोई भी उनका निर्देश नहीं मानता। सभी अपनी मर्जी से काम करते हैं। मैं अब यह सब नहीं झेल सकता हूं। और अपने पद से रिजाइन देने की सोच रहा हूं।
उच्च शिक्षा मंत्री से करेगे शिकायत
कॉलेज के जनभागीदारी अध्यक्ष ने कहा कि इस समस्या की शिकायत उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल और क्षेत्रीय विधायक रुद्र गुरु से करेंगे। शिकायत करके वह ऐसे लापरवाह स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के साथ ही नए कॉलेज भवन में डिजिटल अटेंडेंस मशीन लगाने की मांग करेंगे। इससे अटेंडेंस के लिए स्टाफ समय पर आएगा।
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