यूं ही नियाग्रा नहीं कहलाता : चित्रकोट में 90 फीट की ऊंचाई से झर.. झर.. गिरता पानी आपको सम्मोहित कर लेगा... देखिए वीडियो...

यूं ही नियाग्रा नहीं कहलाता : चित्रकोट में 90 फीट की ऊंचाई से झर.. झर.. गिरता पानी आपको सम्मोहित कर लेगा... देखिए वीडियो...
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प्रकृति ने यहां हर कदम को बड़ी ही खूबसूरती और फुर्सत से बनाया है। यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का होता है। क्योंकि इन दिनों इंद्रावती नदी अपने उफान पर होती है। चित्रकोट जलप्रपात देश का सबसे चौड़ा वाटरफाल है। पढ़िए पूरी खबर....

जीवनंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में चित्रकोट जलप्रपात का मनोरम दृश्य इस समय देखने लायक है। इस समय चित्रकुट जलप्रपात अपनी सबब पर है। जो बस्तर के 16 श्रृंगार में से एक है। चित्रकोट जलप्रपात. चित्रकोट वाटरफाल, 90 फीट की ऊंचाई से गिरता ये झरना इंद्रावती नदी की खूबसूरती पर चार चांद लगा देता है। देशभर में ये जलप्रपात नियाग्रा फॉल के नाम से भी जाना जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको जगदलपुर पहुंचना होगा। यहां से केवल 40 किलोमीटर दूर आपको प्राकृतिक सौंदर्य का ये अनोखा और मनमोहक संगम नजर आएगा। इस बीच सफर में आप ये कहने से खुद को रोक नहीं पाएंगे कि वाकई प्रकृति ने यहां हर कदम को बड़ी ही खूबसूरती और फुर्सत से बनाया है। यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का होता है। क्योंकि इन दिनों इंद्रावती नदी अपने उफान पर होती है। चित्रकोट जलप्रपात देश का सबसे चौड़ा वाटरफाल है। बारिश के मौसम में इसकी चौड़ाई 150 मीटर होती है। रात की खामोशी में झरने की आवाज आपको 3 से 4 किलोमीटर दूर भी सुनाई देगी। मानों पानी की हर एक बूंद चीख-चीख कर चित्रकूट से गिरने की गौरवगाथा का गान कर रही हो।

चित्रकोट जलप्रपात वैसे तो हर मौसम में दर्शनीय है, लेकिन बारिश के दिनों में इसे देखना अधिक रोमांचकारी अनुभव होता है। वर्षा में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देती है। चित्रकोट जलप्रपात के आसपास घने जंगल हैं, जो उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को और बढ़ा देती है। रात के अंधेरे में भी आप झरने का रोमांच ले सकते हैं, क्योंकि यह जगह रोशनी के साथ सुसज्जित किया हुआ है। अलग-अलग अवसरों पर इस जलप्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएं गिरती हैं। झरने के किनारे पर एक विशालकाय शिवलिंग और महादेव का मंदिर भी है,जो हाल फिलहाल में ही बनाया गया है, लेकिन झरने के नीचे अगर आप जाएं तो सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे शिवलिंग मिलेंगे। कई शिवलिंग प्राचीन काल के भी मानें जाते हैं,जिनके ऊपर झरने का पानी सीधे आकर गिरता है, मानों भगवान शिव का जलाभिषेक हो रहा हो। चित्रकोट जलप्रपात की सुंदराता को करीब से निहारने के लिए यहां बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। नदी में उतरकर 90 फीट की ऊंचाई से गिरते विशाल जलधारा को देखना और उसे महसूस करना थोड़ा डरावना जरूर, लेकिन उत्साह से भरपूर होता है।


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