IT Raid : कारोबारियों के ठिकानों से आईटी छापे में मिले पांच करोड़ कैश, सोने-चांदी के जेवर भी

■ छापे की कार्रवाई तीन से चार दिन में हो सकती है कंपलीट
■ अनाज कारोबारी द्वारा बड़े पैमाने पर कच्चे में लेन- देन करने की जानकारी आईटी अफसरों के हाथ लगी
रायपुर। रायपुर (Raipur),बिलासपुर (Bilaspur) तथा दुर्ग के बेरला (Berla) में एक दर्जन से ज्यादा कारोबारियों (businessmen)के चार दर्जन ठिकानों पर चल रही छापे की कार्रवाई में पांच करोड़ रुपए जब्त करने की जानकारी मिली है। इसके साथ ही भारी मात्रा में ज्वेलरी मिलने की बात सामने आ रही है, जिसका वैल्यूएशन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कारोबारी ठिकानों से आईटी अफसरों को 12 लॉकर होने की जानकारी मिली है, जिसे बाद में ऑपरेट किया जाएगा।
गौरतलब है कि, मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल तथा जबलपुर के साथ छत्तीसगढ़ के तीन सौ आयकर अफसर, कर्मियों की टीम ने गुरुवार को एक दर्जन से ज्यादा कारोबारी समूह के 48 ठिकानों पर दोपहर छापे की कार्रवाई शुरू की है। छापे के दूसरे दिन कारोबारी समूह के यहां से चार करोड़ रुपए कैश जब्त होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। सूत्रों के मुताबिक छापे की कार्रवाई तीन से चार दिन में कंपलीट हो सकती है। आयकर अफसरों की टीम राजेश्वरी के साथ बालाजी, मां शारदा, मानवी कोल्ड स्टोरेज सहित बालकिशन माहावार ब्रोकर, भनपुरी स्थित सूरज पल्सेस के ठिकानों में छापे की कार्रवाई कर रही है।
यही पूर्व में भी हो चुकी है आईटी रेड
सूत्रों के मुताबिक आयकर अफसरों की टीम दुर्ग, बेरला स्थित सुराना परिवार के गुड़ भंडारण करने कोल्ड स्टोरेज के साथ राधा मोहन कांपलेक्स, लालगंगा मिडोज में सूरज पल्सेस तथा इनके सिलतरा स्थित कोल्ड स्टोरेज में छापे की कार्रवाई करने पहुंची है। वहां सूत्रों ने 11 वर्ष पूर्व 2011-12 में आईटी रेड होने की जानकारी दी है, तब आयकर अफसरों ने इनके यहां से छह करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति, नकदी तथा ज्वेलरी जब्त की थी।
इनके यहां से इतनी राशि जप्त
सूत्रों के मुताबिक आयकर अफसरों ने जो पांच करोड़ रुपए सीज किए हैं, उनमें से सबसे बड़ी रकम समता कालोनी निवासी पारस जैन के यहां से पौने चार करोड़ रुपए तथा एक करोड़ 35 लाख रुपए प्रकास जोशी के यहां से जब्त की गई है। लॉकर किन कारोबारियों के यहां से मिले हैं, इस बात की अब तक अधिकृत जानकारी नहीं मिल पाई है।
डिफाल्टर होने के बाद कच्चे में कारोबार
सूत्रों के मुताबिक गोयल पल्सेस ग्रुप से जुड़े कारोबारी नीरज तथा संजीव गोयल डिफाल्टर बनकर कारोबार करते हैं। सूत्रों के मुताबिक उक्त कारोबारी समूह सीजन में अपनी क्षमता अनुसार 90 प्रतिशत तक दाल का भंडारण कर बारिश के दिनों में कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचता है। कारोबारी समूह का सारा कारोबार कच्चे में चलता है। वहीं कैलाश बजाज ग्रुप सूरज बेसन के नाम से कारोबार करता है। इनका समता कालोनी, आर्किड तथा चौबे कॉलोनी में ऑफिस तथा घर और गोंदवारा में फैक्ट्री है। अफसरों ने बताया, पूर्व में भी इनके यहां छापे पड़ चुके हैं। उस दौरान यह परिवार आयकर अमले से झगड़ा तक करता रहा।
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