तीर्थ स्थल के लिए सड़क पर उतरा जैन समाज : मौन रैली निकालकर राष्टपति के नाम सौंपा ज्ञापन

तीर्थ स्थल के लिए सड़क पर उतरा जैन समाज : मौन रैली निकालकर राष्टपति के नाम सौंपा ज्ञापन
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जैन समाज का मानना है कि तीर्थ स्थल को पर्यटन और अभ्यारण बनाए जाने से तीर्थ की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट हो जाएगी। पढ़िए पूरी खबर ...

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। झारखंड सरकार की अनुसंशा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा गिरिडीह जिले के मधुबनी स्थित जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ समवेत शिखर को वन्य प्राणी अभ्यारण का एक भाग घोषित किया गया है। इसके बाद जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। जैन समाज देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहा है। जैन समाज का मानना है कि तीर्थ स्थल को पर्यटन और अभ्यारण बनाए जाने से तीर्थ की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट हो जाएगी। अभ्यारण बनने से गैर जैन समाज की आवाजाही बढ़ेगी और मांस मदिरा की बिक्री भी की जाएगी। जिससे जैन तीर्थ का अपमान और अनादर होगा।

जैन समाज ने निकाला मौन जुलूस

दरसअल, शिखर सम्मान की रक्षा के लिए जैन समाज ने आज मौन रैली निकलकर डोंगरगढ़ एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम अपनी चार सूत्रीय माों का ज्ञापन सौंपा। जैन समाज ने आज पूरे देश में अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा है और सरकार से अपील की है कि, वह समवेत शिखर को अभ्यारण और पर्यटन स्थल बना कर उसकी शुद्धता और पहचान नष्ट ना करें। जैन समाज के लोगों ने कहा कि, पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद इस पवित्र स्थल पर लोग आध्यात्मिक नहीं, मौज-मस्ती के मनोभाव से जाएंगे। देखें वीडियो


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