जशपुर : गर्भवती और श्रमिकों की खास देखभाल कर रहा प्रशासन, कलेक्टर ने ली खास दिलचस्पी

जशपुर : गर्भवती और श्रमिकों की खास देखभाल कर रहा प्रशासन, कलेक्टर ने ली खास दिलचस्पी
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क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 3974 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3349 एवं महिलाओं की संख्य 625 शामिल है। पढ़िए पूरी खबर-

जशपुरनगर। जशपुर जिले के रहने वाले आम नागरिक जो छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए थे, कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से बचाव एवं नियंत्रण के लिए लागू किये गए लॉकडाउन की स्थिति में वहीं बुरी तरह फंसे हुए थे, उनको प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में वापस लाने का सिलसिला जारी है।

कलेक्टर महादेव कावरे के निर्देशन में जिले में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों को सुरक्षित क्वारेंटाईन सेंटरों में ठहराने के लिए सभी सेंटरों में आवश्यक समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराया गया है। वर्तमान में जशपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 699 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 3974 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3349 एवं महिलाओं की संख्य 625 शामिल है।

जिले के क्वारेंटाईन सेंटरों में ठहरे प्रवासी श्रमिकों में गर्भवती महिलाओं की संख्या 28 है। इन सेंटरों में गर्भवती महिलाओं का जिला प्रशासन द्वारा विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सभी क्वारेंटाईन सेंटर जहां गर्भवती महिलाएं ठहरी हुई है वहां उनके खान-पान का समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।

क्वारेंटाईन सेंटर में रहने वाले सभी गर्भवती महिलाओं द्वारा इन सेंटरों में घर जैसी सभी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार के मुखिया भूपेश बघेल एवं जिला प्रशासन को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है।



केरल से वापस लौटी कुनकुरी विकासखंड के ग्राम भंडरी की रहने वाली अंजूलता लकड़ा जो कि गर्भवती हैं, उन्हे क्वारेंटाईन सेंटर में फल, दूध एवं आवश्यक पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सके। उन्होंने बताया कि क्वारेंटाईन सेंटर में सारी आवश्यक सुविधा बिस्तर, भोजन, पानी, बिजली, पंखा एवं शौचालय के साथ अन्य बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें घर जैसा माहौल दिया जा रहा है।

कुछ ऐसा ही कहना है महाराष्ट्र से वापस आई गर्भवती महिला राजकिशोरी कुजूर का, उन्होंने बताया कि देश में लगे लॉकडाउन के दौरान वे अपने पति के साथ मुबंई में फंसी हुई थी, वहां उनके पास रहने के लिए न तो मकान उपलब्ध था और न ही भोजन की पर्याप्त उपलब्धता थी। कुछ दिनों में ही जमापूंजी भी खर्च हो गई अब उन्हें वापस अपने घर सुरक्षित पहुंचने की चिंता सताने लगी। कोरोना संक्रमित होने के डर एवं वापस सुरक्षित अपने घर पहुंचने की आस में वे अपने दिन काट रहे थे। ऐसे में प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेन एवं बस के माध्यम से अन्य राज्यों में फंसे इन प्रवासी श्रमिकों को वापस अपने राज्य लाने की सार्थक पहल की गई। जिसके माध्यम से हम श्रमिक वापस अपने घर सुरक्षित पहुंच गए।



यहां वापस आने पर क्वारेंटाईन सेंटर में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण कर कोरोना जांच के लिए खून का नमूना लिया गया। उन्होंने बताया कि सेंटरों में श्रमिकों के लिए आवश्यक समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ ही गर्भवती महिलाओं का खासकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें पोषक आहार की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में दूध एवं फल प्रदान किया जा रहा है। साथ ही सोयाबीन, सहजन, आदि सब्जी के रूप में दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मनोरंजन के लिए इन सेंटरों में टीवी, रेडियो की भी व्यवस्था है। जहां सोशल डिस्टेंस के साथ ही श्रमिक टीवी का आनंद लेते है। इन सेंटरो की साफ-सफाई की नियमित व्यवस्था की गई है। यहां रह रहे लोगों का सबेरे नास्ते से लेकर रात के खाने की उचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। इन सेंटरों में रह रहे सभी प्रवासी श्रमिकों द्वारा मास्क के उपयोग के साथ ही सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन किया जा रहा है।

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