वरदान साबित हो रहा जशपुर का पठार : यहां स्ट्राबेरी की खेती ने बदली किसानों की किस्मत, उन्नत खेती से बन रहे उन्नतिशील किसान

जितेन्द्र सोनी - जशपुर । छत्तीसगढ़ के जशपुर के पठारी क्षेत्र को आज से कुछ साल पहले तक जिले के सबसे पिछड़े क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। इस क्षेत्र में पहले किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, लेकिन अब यहां के किसान परम्परागत खेती छोड़कर उन्नत फसलों की खेती कर रहे हैं, जिससे अब इस क्षेत्र के किसानों आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं और किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आया है।
जशपुर का पठारी इलाका लगभग 100 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां पर पहले किसान धान और गेंहू के साथ अन्य मौसमी फसलों की खेती किया करते थे, लेकिन इन फसलों से बड़ी मुश्किल से इनका जीवन यापन हो पाता था। अब धीरे धीरे जब इस पठारी क्षेत्र की भूमि की उपजाऊ क्षमता और यहां के मौसम में होने वाले उन्नत फसलों के बारे में किसानों को पता चला तो उन्होंने अपनी खेती की पद्धति में बदलाव लाना शुरू किया।
स्ट्राबेरी की खेती को बढ़ावा
बगीचा विकासखण्ड के पाठ क्षेत्र में आलू, टमाटर, मिर्च, नाशपाती की खेती से किसान खासे लाभान्वित हैं, इसके साथ ही यहां का मौसम स्ट्राबेरी के खेती के अनुकूल भी है। यहां पर प्रशासन के सहयोग से किसान स्ट्राबेरी की खेती भी कर रहे हैं। प्रशासन किसानों को स्ट्राबेरी के पौधे मुफ्त में उपलब्ध कराता है और फसल तैयार होने के बाद स्ट्राबेरी कि फसल को बाजार में बिकने में मदद भी प्रशासन कर रहा है। यहां पैदा होने वाली स्ट्राबेरी बाजार में 400 रुपए किलोग्राम बिक रही है।
उन्नत खेती की ओर ध्यान दे रहे किसान
उन्नत फसलों के लिए यहां का मौसम और यहां की जमीन मैदानी इलाकों की अपेक्षा काफी अच्छी है, जिसकी वजह से यहां के किसान धीरे धीरे परम्परागत खेती छोड़कर उन्नत खेती की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जिसकी वजह से यहां के किसानों की तस्वीर भी बदल रही है। वहीं प्रशासन भी किसानों को हरसम्भव मदद का आश्वासन दे रही है।देखिए वीडियो...
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