झीरम जांच रिपोर्ट लीक? मंत्री रविंद्र चौबे का प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज खुलासा- टॉप सीक्रेट दस्तावेज राजभवन से खुले लिफाफे में आए

रायपुर: मंत्री चौबे ने कहा कि टॉप सीक्रेट दस्तावेज राजभवन से खुले लिफाफे में आए इससे रिपोर्ट के लीक होने की आशंका को बल मिलता है। प्रदेश के सबसे बड़े नक्सल हमले की जांच के टॉप सीक्रेट दस्तावेजों को लेकर अफसरों ने लापरवाही बरती है। यह देख कर CMO से खुले लिफाफे की रिपोर्ट को लौटा दिया गया। बाद में सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज भेजे गए। लेकिन इस दौरान खुला लिफाफा किन किन हाथों और नज़रों से गुजरा ये जांच का विषय है।
कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि झीरम घाटी कांड की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने के बाद बीजेपी को लगता हैं कि बड़ा मामला हाथ लग गया है। डी. पुरंदेश्वरी और डॉ. रमन सिंह कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं कि हम कुछ छिपाना चाहते हैं। हम बार-बार कह रहे हैं और आज भी कह रहे हैं षड्यंत्र हुआ है। इस राजनीतिक हत्याकांड के पीछे षड्यंत्र में कौन शामिल है? सामने आना ही चाहिए।
गृहमंत्री त्ताम्रध्वज साहू ने कहा कि 28 मई 2013 को जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अगुवाई में जांच कमेटी बनी। उस दौरान 3 महीने में रिपोर्ट देने कहा गया, लेकिन तय सीमा में जांच नहीं हो पाई। लगातार तारीख पर तारीख बढ़ते गई। 20 बार तारीख बढ़ाई गई। जांच आयोग ने 23 सितंबर 2021 को राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग की आयोग का कार्यकाल बढ़ाया जाए। अचानक 6 नवंबर 2021 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को दी। आयोग ने नियम के विपरीत रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी हैं, जबकि रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जानी थी। बीजेपी नेता कांग्रेस नेताओं को कहते हैं कि वो डर रहे हैं, लेकिन हम डरेंगे क्यों, क्योंकि हमने तो अपने बड़े नेता इस कांड में खोया है।
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