जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, मरीज खुद लेने लगे अस्पताल से छुट्टी

रायपुर। पिछले तीन दिनों से जूनियर डाॅक्टरों की हड़ताल की वजह से अब अस्पताल में भर्ती मरीज खुद होकर छुट्टी लेने लगे हैं। पिछले तीन दिनों में यहां से लगभग तीन सौ मरीजों की डिस्चार्ज किया गया है और केवल डेढ़ सौ मरीज एडमिट हुए, जिन्हें मिलाकर भर्ती मरीजों की संख्या 683 है। हड़ताल के प्रभाव से दो हजार तक जाने वाली ओपीडी घटकर 12 सौ तक सिमट गई है तथा मेजर सर्जरी भी घटकर आधी हो गई है।
स्टाइपेंड बढ़ाने के लिए गुरुवार से ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवा को बाधित कर बैठे जूनियर डाॅक्टरों की वजह अस्पतालों में आने वाले मरीज घट गए हैं। वार्डों में देखरेख कम होने के कारण भर्ती मरीज खुद होकर छुट्टी ले रहे हैं और नए भर्ती होने वालों मरीजों की संख्या भी कम हो चुकी है। अस्पताल में इलाज के लिए ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या पहले 1800 से 2000 होती थी, जो अब घटकर 11 से 12 सौ के बीच सिमट गई है। सीनियर डाॅक्टरों पर सर्जरी के साथ इनके इलाज की जिम्मेदारी भी आ गई है, जिसे सीमित संख्या होने की वजह से वे पूरा करने में बेबस साबित हो रहे हैं।
आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 805 थी, जो शनिवार की स्थिति में घटकर 683 हो गई, इसमें भी 152 नए एडमिट मरीज हैं। इसी तरह यहां होने वाली मेजर सर्जरी की संख्या भी घटकर आधी रह गई है। प्रभावित हो रही उपचार व्यवस्था को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन इसे खत्म कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। शनिवार को भी मेडिकल काॅलेज के डीन और डीएमई द्वारा हड़ताल कॉल ऑफ करने के लिए जूनियर डाॅक्टरों को मनाने का प्रयास किया गया, मगर सफलता नहीं मिली।
डीएमई कार्यालय तक रैली
जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. प्रेम चौधरी ने बताया कि हड़ताल के तीसरे दिन आंबेडकर अस्पताल से संचालक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय तक करीब सात सौ डाॅक्टरों ने रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा। डाॅक्टर मांगों को लेकर विभिन्न तरह की तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं। जूडा अध्यक्ष का कहना है कि हड़ताल की वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं, मगर इस तरह शासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य केंद्रों में भी काम बंद
जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को स्वास्थ्य केंद्रों में सेवा देने वाले डाॅक्टरों ने भी समर्थन दिया है। शनिवार को कई जिलों के पीएचसी, सीएचसी में पदस्थ अनुबंधित डाॅक्टरों ने काम नहीं किया। इसके अलावा जूनियर रेजिडेंट डाॅक्टर की हड़ताल को आईएमए, सिडा, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन सहित कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
हड़ताल के बीच रक्तदान भी
जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स द्वारा हड़ताल में रहते हुए भी प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज में ब्लड डोनेशन शिविर किया गया। मेकाहारा में 25 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स द्वारा रक्तदान किया गया, जिसमें डॉ. शौर्य चौधरी (रेडियोलाॅजिस्ट), डॉ. अंजलि, डॉ. वृत्तिका, डॉ. अपूर्वा, डॉ. सुरभि, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. कमल, डॉ. ज्योष्मी एक्का, डॉ. वेदव्यास, डॉ. अनमोल अग्रवाल और विभिन्न डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
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