इन्साफ: मंदबुद्धि बच्ची के बलात्कारी को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा- फास्ट ट्रेक पास्को स्पेशल कोर्ट का फैसला

राजनांदगांव: ढाई वर्ष पूर्व आरोपी सुदर्शन देवांगन उर्फ बाऊ 35 वर्ष द्वारा थाना घुमका क्षेत्र अंतर्गत एक मंदबुद्धि बच्ची जो दोपहर के समय अपने घर में अकेली थी, उसके घर घुसकर उसके दोनों हाथों को रूमाल से बांधकर उसके मुंह को दबा दिया और बलात्कार किया। घटना की रिपोर्ट पीड़िता की मां द्वारा घुमका थाना में दर्ज कराई गई थी, जिस पर थाना घुमका द्वारा मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था। जांच के दौरान आरोपी सुदर्शन देवांगन को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 454, 450 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो) एक्ट 2012 की धारा 4 के तहत चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय (पाक्सो) के समक्ष पेश किया गया था।
आजीवन कारावास की सजा
न्यायालय माननीय अपन सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो) राजनांदगांव पीठासीन न्यायाधीश श्री शैलेष शर्मा द्वारा विचारण उपरांत इस मामले में निर्णय घोषित कर अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के आरोप में 10 वर्ष का सश्रम करावास एवं 1000 रुपए के अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3) के आरोप में आजीवन कारावास जिसका तात्पर्य अभियुक्त के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास एवं 1000 रुपए का अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के आरोप में आजीवन कारावास एवं 1000 रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किए जाने का दंडादेश पारित किया गया है।
मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से लोक अभियोजक नारायण कन्नौजे एवं विशेष लोक अभियोजक राजनांदगांव परवेज अख्तर ने पैरवी की।
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