ज्योति विसर्जन : धूमधाम से निकाली गई मां बम्लेश्वरी की शोभा यात्रा, 9 दिनों से चल रही देवी आराधना का हुआ समापन

राजा शर्मा/डोंगरगढ़। महानवमी नवरात्रि की अंतिम तिथि है, जिस दिन मां आदिशक्ति के सिद्धिदात्री स्वरूप की वंदना की जाती है। माता सिद्धिदात्री कमल पर विराजती हैं, जो चारों भुजाओं में शंख, कमल, गदा और सुदर्शन चक्र धारण करती हैं। छत्तीसगढ़ के धर्मनगरी डोंगरगढ़ में नवरात्र पर्व एक नव दिवसीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मेला, मीना बाजार का आयोजन होता है, दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन को पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा के दीप जलाते हैं। विश्व विख्यात मां बम्लेश्वरी देवी धाम डोंगरगढ़ में नौ दिनों से चल रही देवी आराधना का समापन बुधवार को माता की ज्योति विसर्जन कर के किया गया। देखिए वीडियो-
जब महिला पुलिस कर्मी पर 'सवार' हुईं देवी
बड़ी मां बम्लेश्वरी मंदिर में छह हजार तीन सौ ज्योत, वहीं नीचे मंदिर में आठ सौ इंकावन ज्योति कलश की स्थापना की गई थी। ऊपर मंदिर की ज्योत मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में ही विसर्जित की गई। वहीं नीचे मंदिर की ज्योति पारंपरिक शोभा यात्रा के रूप में स्थानीय महावीर तालाब में बुधवार भोर तक विसर्जित की गई। परंपरानुसार माता बम्लेश्वरी और माता शीतला की ज्योति का मिलन कराया गया। इस दौरान कई श्रद्धालु, यहां तक कि बंदोबस्ती में लगी महिला पुलिस कर्मी भी माता की भक्ति में झूमती दिखाई दी। इसी को छत्तीसगढ़ में देवी सवार होना कहते हैं। देखिए वीडियो-
विसर्जित की गई ज्योति कलश
शोभा यात्रा को लेकर शासन-प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट समिति की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए थे। कई दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार नीचे मंदिर से शीतला माता मंदिर होते हुए ज्योति शोभा यात्रा महावीर तालाब पहुंची। गौरतलब है कि इस मार्ग में मुंबई से हावड़ा जाने वाला मुख्य रेल मार्ग भी है। इसमें रेल स्थापना के समय से ही ज्योत विसर्जन होते तक तीन से चार घंटों का मेगा ब्लॉक किया जाता है और सुरक्षित ज्योत विसर्जन में मंदिर ट्रस्ट, शासन-प्रशासन के साथ रेलवे विभाग भी अपना सहयोग देता है। देखिए वीडियो-
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