खैरागढ़ : भागवत कथा स्थल पर दो पक्षों में मारपीट, एकजुट हुआ ब्राह्मण समाज..तनाव की आशंका

खैरागढ़ : भागवत कथा स्थल पर दो पक्षों में मारपीट, एकजुट हुआ ब्राह्मण समाज..तनाव की आशंका
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मामूली विवाद को समय रहते प्रशासन, पुलिस और समाज द्वारा सही तरीके से डील न कर पाने के कारण आगे चलकर एक दिन वह कैसे हिंसात्मक हो जाता है, इसका नमूना छत्तीसगढ़ ने हाल ही में कई मामलों में देख लिया है। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ में भी भागवत कथा के दौरान उपजे एक झगड़े का इशारा भी उसी तनाव की तरफ है। वैसे, यह घटना खैरागढ़ में आसामाजिक तत्वों के बुलन्द हौसले और बेखौफ धाक को दिखाती है तो दूसरी तरफ पुलिस की आसामाजिक तत्वों के सामने घुटनाटेक प्रवृत्ति को भी। पढ़िए पूरी खबर-

राजनांदगांव (खैरागढ़)। शनिवार को किल्लापारा में भागवत के कार्यक्रम के दौरान दो के बीच शुरू विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार की रात 8 बजे बड़ी संख्या में खैरागढ़ ब्राह्मण समाज के लोगों ने खैरागढ़ थाना पहुंचकर चंद्रकांत विदानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ब्राह्मण समाज के लोगों ने सुदर्शन तिवारी व उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने थाना प्रभारी के नाम से एसआई प्रियंका पैंकरा को ज्ञापन सौंपा है। ब्राम्हण समाज के लोगों ने बताया है कि नगर के किल्लापारा में सुदर्शन तिवारी के घर के सामने चल रहे भागवत के कार्यक्रम में 23 अक्टूबर की रात में चंद्रकांत विदानी के द्वारा मारपीट, अश्लील गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दी गई व कार्यक्रम में विघ्न कर माहौल खराब किया। उसी रात को थाना खैरागढ़ थाने में इस घटना की शिकायत कर दी गई थी।

ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि थाने में विधिवत रूप से सूचना दिए जाने के बावजूद आरोपियों के द्वारा सुदर्शन तिवारी को मारने व एट्रोसिटी एक्ट के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही है। और इस घटना के साथ ही सुदर्शन तिवारी के घर के आसपास असामाजिक तत्वों की आमदरफ्त बढ़ गयी है। ज़ाहिर है, ऐसे में वहां रहने वाले ब्राह्मण समाज के लोगों में भय का वातावरण बना हुआ है। ब्राह्मण समाज का साफ़ आरोप है कि आरोपियों ने महिलाओं की मौजूदगी में अश्लील गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी ही, थाने में भी पुलिस के सामने जान से मारने की धमकी दी। लिहाज़ा, आज ब्राम्हण समाज के लोगों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सुरक्षा की मांग की है। साथ ही, उचित कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में शिरीष मिश्रा, मारूति शास्त्री, सुदर्शन तिवारी, प्रदीप पाण्डेय, मुकेश भट्ट, लक्ष्मीप्रसाद, रामकृष्ण शास्त्री, वैभव पाठक, विकास तिवारी, मुकेश तिवारी, विजय कृष्ण, अजय तिवारी, सरस्वती तिवारी, चन्द्रलेखा मिश्रा, शारदा मिश्रा, आरती तिवारी, लीला तिवारी, किरण तिवारी, सावित्री दुबे, मीना शर्मा, दीपक तिवारी, अनंत तिवारी, बालकृष्ण तिवारी, उमेश पांडे, नितिन पाठक, राधिका शर्मा, अनुराधा, शारदा चौबे, निहारिका तिवारी, राखी गोराहा ,बिमला पांडे,संतोष मिश्रा, अंजना तिवारी, भगवती पांडे, अनीता त्रिपाठी, शैल शर्मा संतोषी मिश्रा, जतिन पाठक, सुनील शर्मा, पुष्पा मिश्रा सहित बड़ी संख्या में ब्राम्हण समाज के पुरुष और महिलाएं शामिल थे।

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