CG: पहेली बनी युवती की मौत, लगातार शिकायतों के बावजूद नही हो पाई जांच

CG: पहेली बनी युवती की मौत, लगातार शिकायतों के बावजूद नही हो पाई जांच
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22 माह पहले कोरबा जिले के चैतमा के जंगलों में मिली थी युवती की पेड़ पर लटकती लाश, पढ़िए पूरी खबर-

कोरबा/चैतमा। अंग्रेजी में कहावत है "जस्टिस डिलेड इज जस्टिस डिनाइड" यानी देरी से मिला न्याय ना मिलने के बराबर है। यह कहावत लागू होती है 22 माह पहले एक युवती की संदिग्ध परिस्थिति में फंदे पर लटकी मिली लाश के मामले में जहां मृतिका की मां द्वारा हत्या कर लाश पेड़ पर लटकाए जाने की एसपी, आईजी तथा कलेक्टर जनदर्शन में लगाई गई कार्रवाई की गुहार को लेकर उस मां को आज पर्यन्त तक न्याय नही मिल पाया है।

मामला पाली थानांतर्गत चैतमा पुलिस चौंकी के अधीन ग्राम चारपारा की है जहाँ गत 29 नवंबर 2018 को 19 वर्षीय कुमारी सविता की जंगल मे एक पेड़ पर संदिग्ध परिस्थिति में लटकती हुई लाश मिली थी।घटनाक्रम को लेकर मृतिका की मां नीराबाई पति समेलाल धोबी ने बताया कि गत 28 नवंबर 18 को अचानक उसकी बेटी घर से लापता हो गई थी। काफी खोजबीन के पश्चात भी उस दिन उसका कुछ पता नही चल सका था। अगले दिन 29 नवंबर को एक युवक द्वारा उसकी बेटी की लाश भरुआमुड़ा के जरबंद जंगल में पेड़ से लटकती हुई मिलने की सूचना उसे दी थी। जहां पहुँचने पर उसकी बेटी संदिग्ध परिस्थिति में अपनी ही चुनरी से लटकी हुई पाई गई।

इस विषय मे मृतिका की मां का कहना है कि अजय नामक युवक उसकी बेटी को परेशान करता था और घर वालों से छिपाकर उसे आइडिया कंपनी का सिम भी दिया था, जिससे वह लगातार उससे बातचीत करता था।


मृतिका के मां- पिता ने अजय चौहान पर उसकी बेटी की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने साथ ही मामले में युवक के पिता पुरान सिंह एवं बड़े पिता किताब सिंह सहित एक भाजपा नेता पर भी संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए 15 दिसंबर 2018 को चैतमा चौंकी में प्रथम शिकायतपत्र दिया था, जिसके बाद 22 दिसम्बर 18 को पाली थाना पहुँचकर भी शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई ना होता देख उन्होंने 31 दिसम्बर 18 को एसपी कार्यालय व कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत देकर संबंधित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने तथा गत 02 जनवरी 2019 को बिलासपुर आईजी से भी उचित जांच व कार्रवाई की गुहार लगाई गई थी।

लेकिन बेटी की मौत के 22 माह बाद भी एक बेबस मां व गरीब लाचार पिता को न्याय नही मिल पाया है। बेटी की संदेहास्पद मौत की निष्पक्ष जांच एवं दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की आस लगाए बैठे मां- पिता का भरोसा अब तक कोई कार्रवाई ना दिखने के कारण पुलिस पर से उठ सा गया है।

पुत्री वियोग में तड़पती मां नीराबाई का कहना है कि मेरी बेटी की हत्या कर लाश को पेड़ से लटकाकर आत्महत्या का रूप दिया गया। और यदि उसने आत्महत्या की है तो इसके पीछे कारण क्या है वह जांच का विषय है..?

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