पं. प्रदीप मिश्रा को सुनने उमड़े लाखों श्रोता : पंडित जी ने संगति पर दी बड़ी सीख... क्या कहा-पढ़िए...

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के ग्राम कोकड़ी में आशुतोष शिव कथा महापुराण पंडित प्रदीप मिश्रा सुना रहे हैं। पंडित मिश्रा ने लाखों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि, जीवन को सफल सुव्यवस्थित और सुख समृद्धि से परिपूर्ण बनाना है, तो तीन तरह के मित्रों की संगत बिल्कुल न करें। ये तीन हैं- ताली मित्र यानी झूठी तारीफ करने वाला, थाली मित्र यानी बडे़ होटलों में ले जाने वाला और तीसरा प्याली मित्र, जो कि मदिरालय ले जाने वाले हो। ऐसे मित्रों की संगत नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि, झूठी प्रशंसा करने वाला आपको गर्त में ढ़केल देगा। दूसरा मित्र होटलों में खाना खिलाने वाला जो आपको घर के भोजन में अरूचि पैदा कर देगा और तीसरा मदिरालय ले जाने वाला जो पूरा घर-परिवार नष्ट कर देगा।
उल्लेखनीय है कि, बलौदाबाजार में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग तीन लाख से अधिक लोग उपस्थित हुए। जनसमूह मंत्रमुग्ध होकर अंतराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के मुखारबिंद से शिव कथा का श्रवण किया। रामूराम जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा अपने प्रवचन में बताया कि जब दुख तकलीफ की घड़ी आती है, तब जिस चीज की ज़रूरत होती है वहां हमें जाना पड़ता है। सोने और चांदी के आभूषण बर्तन और संपति को सराफा या अन्य दुकान में विक्रय से पैसा लेकर उस दुःख तकलीफ और आवश्यकता को दूर करने का काम करते हैं। उसी तरह दुःख के घड़ी में भगवान शिव के पास एक लोटा जल और चावल के दाने, बेलपत्र लेकर जाइए। भगवान शिव को कुछ नहीं चाहिए बस आप श्रद्धा दीजिए। सारी दुनिया में किए गए व्रत, दान का पुण्य भले फलदाई न हो पर भगवान शिव को चढ़ाया गए समर्पण, बेलपत्र, अक्षत और जल का फल आपके साथ जीवन भर रहेगा।
कड़ाके की ठंड में लोग कथा सुनने आए
कथा में भगवत का बल और भक्ति होनी चाहिए, तभी उसका फल प्राप्त होता है। धर्म के धक्के खाकर जो भगवान के पास पहुंचते है, तो भगवान भी उनका हाथ पकड़कर उन पर कृपा करते हैं। 2 जनवरी से ग्राम कोकड़ी में कड़ाके की ठंड में पंडाल में आकर कथा सुनने आए हैं, देर रात तक भजन कीर्तन करते हैं। सुबह ठंडे पानी से नहाकर शिव जाप करते हुए शिव कथा का इंतजार करते हैं, उनसे बड़ा साधू नही हो सकता।
स्त्री के तप-भक्ति जैसे ताकत कहीं नहीं
शिव पुराण के अनुसार शिवकथा का स्थल कैलाश का प्रतीक होता है। आज कोकड़ी कैलाश स्वरूप में है, जो श्रद्धालु यहां उपस्थित हैं उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा है। जो व्यक्ति किसी स्त्री को अपशब्द बोलता है, शिवालय मंदिर जाते हुए व्यक्ति का अपमान करता है, उसके जीवनकाल का अंतिम चरण बहुत कष्टमय बीतता है। इस दुनिया में जो ताक़त स्त्री के तप, भक्ति में है वह दुनिया में कहीं नहीं है।
गलत मित्र बनता है विनाश का कारण
परायणकर्ता प. प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ से विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, संगत का जीवन में बहुत असर होता. तुम कहां बैठ रहे हो, तुम किसके साथ बैठ रहे हो। उस परिस्थितियों से उस व्यक्ति की कीमत आंकी जाती है। जीवन में ताली मित्र, थाली मित्र और प्याली मित्र जीवन में विनाश का कारण बनते हैं। इसलिए अच्छे और बुरे समय में अच्छी संगत करें, क्योंकि बुरे समय में आपके साथ कोई नहीं रहेगा।
इच्छा शक्ति से जीवन निर्माण संभव
जीवन को सार्थक बनाइये, स्वयं के इच्छा शक्ति से जीवन निर्माण करिए। इससे परिवार, समाज में खुशियों का आगमन होगा। जो व्यक्ति अपने माता-पिता का कहना छोड़ दूसरों का बात मानता है, वो अपने विनाश को आमंत्रित करता है। भगवान शिव को जो दिल से जपता है उसे बाबा दिल से सुनते हैं। जीवन के इस यात्रा में सभी समस्याओं का एक ही हल एक लोटा जल और शिवतत्व है।
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