जमीन फर्जीवाड़ा : मानसिक रोगी वृद्ध को न्याय दिलाने विधिक सेवा प्राधिकरण ने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के दिए निर्देश

जमीन फर्जीवाड़ा : मानसिक रोगी वृद्ध को न्याय दिलाने विधिक सेवा प्राधिकरण ने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
X
जमीन फर्जीवाड़ा का शिकार मानसिक रोगी वृद्ध को न्याय दिलाने की पहल विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से की गई है। जिला सत्र न्यायाधीश और विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष केएल चरयाणी ने उपपंजीयक कुरूद और थाना प्रभारी कुरूद को इस मामले की जांच कर जल्द जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। पढ़िए पूरी खबर...

यशवंत गंजीर/कुरुद। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरुद में जमीन फर्जीवाड़ा का शिकार मानसिक रोगी वृद्ध को न्याय दिलाने की पहल विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से की गई है। जिला सत्र न्यायाधीश और विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष केएल चरयाणी ने उपपंजीयक कुरूद और थाना प्रभारी कुरूद को इस मामले की जांच कर जल्द जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

कलारपारा कुरूद निवासी मानसिक रोगी आनंद राम सिन्हा के परिजनों ने आरोप लगाया है कि दो दलाल ने फर्जी तरीके से बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री करवा ली है। इस समाचार को संज्ञान में लेते हुए अग्रिम कार्यवाही करने के लिए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धमतरी को निर्देशित किया गया।

जमीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा

जमीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा किए जाने के संबंध में कुरूद थाना प्रभारी, उप पंजीयक कार्यालय कुरूद को जांच के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी सूचना देते हुए और समुचित कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया है। पीड़ित परिवार को विधिक सहायता प्रदान करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धमतरी की ओर से पीएलव्ही टकेश्वर राम साहू निवासी बिरेझर को नियुक्ति किया गया है। पीड़ित परिवार पीएलव्ही श्री साहू से समुचित या विधिक सहायता ले सकते हैं।

करूणा से मिल रही मदद

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर की ओर से वृद्धजनों को विधिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए करुणा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में निवास करने वाले वृद्धजनों को इस विशेष योजना से मदद पहुंचाई जा रही है। वृद्धाश्रमों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की ओर से पीएलव्ही के माध्यम से ऐसे वद्धजनों का चिन्हांकन किया जाएगा, जिन्हें भरण पोषण की आवश्कता है, लेकिन उनकी संतान भरण पोषण प्रदान नहीं कर रही है।

Tags

Next Story