वकील और पुलिस कर्मी ने की ठगी : परिवार का मुखिया चल बसा तो मिली 4 लाख की मदद, खाता ट्रांसफर के नाम पर 2 लाख ठग लिए

उमेश यादव-कोरबा। भारत सरकार के संरक्षण के बाद भी विशेष जनजाति पहाड़ी कोरवा की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका है। शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण लगातार इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि, पहाड़ी कोरवा परिवार के साथ 2 लोगों ने मिलकर सवा दो लाख की ठगी की है। पीड़ित पक्ष ने कोरबा एसपी से इसकी शिकायत की है और अपने रुपए लौटाने के लिए गुहार लगाई है।
मिली जानकारी के अनुसार, एक साल पहले कोरबा जिले के ग्राम बग्धारीडांड के रहने वाले भिखू राम की मौत हुई थी। इस पर सरकार ने प्राकृतिक आपदा में दी जाने वाली चार लाख की सहायता राशि इस परिवार को दी थी। मृतक की पत्नी ने बताया कि, एक वकील और पुलिस के एक कर्मचारी ने मिलकर सहायता राशि का काफी हिस्सा ले लिया है।
मृतक के भाई ने किया ठगी का खुलासा
मृतक के भाई जीवन राम जो शिक्षित व्यक्ति हैं उनसे जब हरिभूमि डॉट कॉम ने बात की तो मामले का खुलासा हुआ। उसने बताया कि, भाई की मौत के बाद हम लोगों ने ही तहसील कार्यालय में आवेदन किया था, जिसके बाद धनराशि प्राप्त हुई। खाता ट्रांसफर के बहाने एक वकील ने दो लाख रुपए झटक लिए जबकि बाद में एक मौके पर बालको पुलिस के कर्मचारी ने बीस हजार रुपए हासिल कर लिया। वहीं हमारे खाते में केवल ₹141000 रुपए ही ट्रांसफर हुए हैं। हम चाहते हैं कि, ठगी की रकम वापस कराई जाए।
सरकार की योजनाओं पर लगातार फिर रहा पानी
बता दें कि, संरक्षित जनजातियों से जुड़े लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है। हर स्तर पर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। वहीं आठवीं की शिक्षा हासिल करने पर ऐसे लोगों को चतुर्थ श्रेणी पद पर सरकारी नौकरी का लाभ भी दिया जा रहा है। यह सब प्रयास बताते हैं कि, संरक्षित जनजातियों को लेकर सरकार काफी गंभीर है। ऐसी स्थिति में पहाड़ी कोरवा परिवार के साथ की गई ठगी का मामला अपने आप में हैरान करने वाला है। पीड़ित पक्ष ने मामले की पूरी जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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