CG Election : रायपुर से लगते क्षेत्र पर राजधानी के नेताओं की भी नजर : धरसीवां से टिकट की आस में दोनो दलों से दर्जनों नेता

सूरज सोनी-रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के आखिरी महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी दावेदारी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां वर्तमान विधायक सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता अपने चुनाव को लेकर क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं, तो वहीं बीजेपी के भी कई उम्मीदवार विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विधायक एवं कांग्रेस सरकार की विफलताओं को गिनाने दौरा कर रहे हैं। हम यहां बात कर रहे हैं राजधानी रायपुर से लगे धरसीवां विधानसभा क्षेत्र(Dharsiwan assembly constituency) की। हमेशा की तरह इस चुनाव में भी इस सीट पर कांटे की टक्कर होने का दावा किया जा रहा है। रायपुर ज़िले में सबसे महत्वपूर्ण सीट कहे जाने वाली धरसीवां विधानसभा एक सामान्य सीट है। इसके चलते यहॉ पिछले 3 चुनाव की पेक्षा इस चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टियों में उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट है।
सामान्य सीट होने की वजह से यहॉ बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता दावेदारी कर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इन नेताओं द्वारा क्षेत्र में अपनी सक्रियता दिखाने के लिए लगातार दौरा किया जा रहा है। वहीं संगठन में भी अपनी दावेदारी मज़बूत करने के लिए पार्टी के बड़े नेताओं से भेंट मुलाकात की जा रही है। सत्ता पक्ष कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के अंदर इस बार किसी नये चेहरे को उतारने की चर्चा है। इसके चलते सत्तारूढ़ विधायक होने के बावजूद कांग्रेस में इस बार टिकट के दर्जनों दावेदार हैं। इस बात से इनकार करती वर्तमान विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा की दावेदारी फिलहाल मज़बूत है, बतौर विधायक वे क्षेत्र के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में शिरकत कर रही हैं। वहीं बीजेपी की बात करें तो बीजेपी में भी इस बार टिकट पाने की होड़ मची है। 2018 के चुनाव में सत्ता गवां बैठी बीजेपी में इस सीट से 20-25 दावेदार हैं, इनमें से 3 बार विधायक रह चुके देवजी भाई पटेल का पलड़ा सबसे भारी है।
कांग्रेस से दावेदारों की लंबी लिस्ट
राज्य गठन के बाद यहॉ लगातार तीन चुनाव में भाजपा के देवजी भाई पटेल विधायक चुने गये, तो वही 2018 के चुनाव में कांग्रेस से अनिता योगेन्द्र शर्मा इस सीट से विजयी हुईं। इस चुनाव इस सीट से कांग्रेस एवं भाजपा दोनों पार्टियों से दावेदारों की लंबी लिस्ट है। कांग्रेस से वर्तमान विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा की दावेदारी मज़बूत मानी जा रही हैं। इसके अलावा कांग्रेस के युवा नेता भावेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चंद्रशेखर शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, जनपद पंचायत तिल्दा के अध्यक्ष देवव्रत नायक, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद देवांगन, आरंग जनपद पंचायत अध्यक्ष खिलेश देवांगन आदि लोगों ने कांग्रेस से अपनी दावेदारी पेश की है।
भाजपा से ये ठोंक रहे ताल
भाजपा के अंदर खानों में चर्चा हैं की देवजी भाई पटेल के बिना धरसीवां फतह करना भाजपा के लिए मुश्किल होगा। भाजपा के अन्य दावेदारों में खरोरा नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी की दावेदारी भी मज़बूत मानी जा रही है। अनिल सोनी लगातार कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाता रहा है। वे लगातार जनहित के मुद्दों को लेकर मुखरता से सरकार पर हमला करते रहे हैं। इसके चलते ही भाजपा संगठन में श्री सोनी को कई ज़िम्मेदारी सौंपी गईं। वहीं पूर्व आईएस एवं प्रमुख सचिव गणेश शंकर मिश्रा, भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संयोजक अंजय शुक्ला, छत्तीसगढ़ी कलाकार अनुज शर्मा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ गुलाब टिकरिहा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चंद्रकांती वर्मा, ज़िला पंचायत सदस्य सोना वर्मा, राम खिलावन धीवर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष महेश नायक, राम खिलावन वर्मा, पूर्व जनपद अध्यक्ष दीपक बैस, पूर्व मंडल अध्यक्ष रोबिन साहू, ग्राम पंचायत रायखेडा के पूर्व सरपंच खेलावन शर्मा, ठाकुर राम वर्मा, परसवानी सरपंच सोहन धीवर आदि कई लोगों व्दारा भाजपा में अपनी दावेदारी पेश की गईं है। हालांकि इन नामों में से दोनों प्रमुख पार्टियों व्दारा किसे अपना प्रत्याशी तय किया जाता है और जनता किसे अपना नेता चुनती है ये वक्त ही बतायेगा।
दोनों पार्टियां करवा रही हैं सर्वे
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियां सर्वे करवा रही हैं। कांग्रेस और भाजपा आलाकमान का कहना है कि, दावेदारों को हर स्तर पर अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन टिकट किसी मिलेगी इसमें जमीनी सर्वे का सबसे अहम रोल होगा।
सीएम बघेल के भी धरसीवां से लड़ने की अटकलें
ग़ौरतलब हैं कि भाजपा व्दारा पिछले दिनों 21 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गईं। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पाटन विधानसभा सीट भी शामिल है, जहॉ भाजपा व्दाने दुर्ग सांसद विजय बघेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर विजय बघेल के नाम की घोषणा होते ही पूरे प्रदेश में चर्चा है कि अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन के साथ ही किसी और सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में धरसीवां मुख्यमंत्री श्री बघेल के लिए एक सुरक्षित सीट मानी जा रही हैं। फिरहाल भूपेश बघेल धरसीवां से चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये तो वक़्त बतायेगा, किंतु धरसीवां से मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने के अटकलों ने भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की नींद उड़ा रखी है।
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