सुदर्शन प्रेरणा मंच का व्याख्यान : डॉ. हिमांशु द्विवेदी बोले- हमारे संविधान में अधिकारों पर जोर, कर्तव्यों पर नहीं...

सुदर्शन प्रेरणा मंच का व्याख्यान : डॉ. हिमांशु द्विवेदी बोले- हमारे संविधान में अधिकारों पर जोर, कर्तव्यों पर नहीं...
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जब हमारे देश का संविधान अंगीकृत किया गया, तब नागरिकों के अधिकार का तो ध्यान रखा गया, लेकिन नागरिकों के कर्तव्य का ध्यान नहीं रखा गया था। उन्होंने और क्या कहा... पढ़िए...

मनोज नायक-रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सर संघचालक केएस. सुदर्शन जी की आज जयंती है। इस खास अवसर पर सुदर्शन प्रेरणा मंच ने व्याख्यानमाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भारतीय संविधान जैसे अहम विषय पर आयोजित किया गया। इस खास मौके पर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय और कार्यक्रम की अध्यक्षता हरिभूमि INH मीडिया समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि, आज का दिन महामना का दिन है, इसलिए मैं उन्हें तह दिल से नमन करता हूं। भारतीय संविधान कहें या भारत का संविधान कहें इस पर विचार-विमर्श होना चाहिए। दरअसल, राम राज्य त्रेतायुग में था, सुशासन भी राम के शासन में था। अब तो आज़ादी के 75 वर्षगांठ के अवसर पर अमृतकाल चल रहा है। इससे पहले स्वर्णकाल भी आया था। जब हमारे देश का संविधान अंगीकृत किया गया, तब नागरिकों के अधिकार का तो ध्यान रखा गया, लेकिन नागरिकों के कर्तव्य का ध्यान नहीं रखा गया था। हम दूसरे देशों के संविधान से अपना संविधान बना रहे थे। लेकिन हमारे देश मे चाणक्य और विदुर जैसे विद्वानों ने भारत का संविधान बेहतर तरीके से बनाया।

ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका इलाज नहीं- अश्विनी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि, ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान नहीं है। जापान में इसे बच्चा-बच्चा जानता है। हमारे सांसद और विधायकों ने अपने धर्म का पालन भी किया है। रामराज्य में सभी अपने धर्म का पालन कर रहे थे। उस वक्त कुछ लिखित में नहीं था। लोग अपने धर्म का पालन कर रहे थे। साथ ही कहा कि, छ.ग. राम का ननिहाल है। लेकिन यहां राम को मानने वालो की संख्या कम होती जा रही है। भारत में राम राज्य की स्थापना करने में विधायिका और न्यायपालिका फेल होती हुई दिखाई दे रही है।

श्री सुदर्शन का जन्म और मृत्यु दोनो रायपुर में हुई

आपकी जानकारी के लिए बता दें, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सरसंघचालक के. एस. सुदर्शन का जन्म 18 जून 1931 को हुआ था और सुदर्शन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांचवें सर संघचालक थे। 15 सितंबर 2012 को 81 वर्ष की आयु में उनके जन्मस्थान रायपुर में निधन हुआ था। उनको दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनका निधन हो गया।

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