नशे से मुक्त करने जिलों में मुक्ति केंद्र, अब योग के साथ पूजा-पाठ भी कर पाएंगे

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार अब राज्य के ऐसे लोगों के लिए मददगार बनने को तैयार है जो किसी न किसी प्रकार के नशे के आदी है। ऐसे लोगों को सुधारकर जीवन की मुख्यधार में लाने के लिए सरकारी अस्पतालों या जिला अस्पतालों में 15 बिस्तरों का एकीकृत नशा मुक्ति केंद्र बनाए जाएंगे। इन केंद्रों में नशा पीड़ितों को रखकर उन्हे सुधारने की कोशिश होगी।
दवाइयों के अलावा उनको योगाभ्यास कराया जाएगा। नशा पीड़ित चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो उन्हें प्रार्थना,पूजा पाठ आदि का अवसर भी दिया जाएगा। राज्य सरकार ने नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए एक गाईड़लाइन तैयार की है। यह गाईड़लाइन तत्काल प्रभाव से लागू होगी। सरकार का मानना है कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यत: शराब, गांजा, बीड़ी, तंबाकू, सिगरेट, गुडाखू,मुन्नका, ब्राउन शुगर, हेरोइन, स्मैक, अन्य मादक पदार्थ,नशीली दवाइयां, आदि नशा के रूप में इस्तेमाल होती हैं। इससे जनसामान्य को मानसिक,शारीरिक क्षति तो होती ही हैए आर्थिक नुकसान भी होता है। इसे ही ध्यान में रखते हुए नशा मुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है।
केंद्रों में मिलेंगी ये सुविधाएं
नशा पीड़ितों को नशा मुक्ति केंद्रों में 1 माह तक रखा जाएगा। वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों से उनका इलाज कराया जाएगा। नशा मुक्ति केंद्रों में एक बड़ा हॉल बनाया जाएगा। वहां फिजियोथैरेपी कक्ष, योगा कक्ष, रसोई, शौचालय, स्नानागार, कार्यालय कक्ष आदि होगा। पीडि़तों के मानसिक एवं शारीरिक व्यवहार के अनुसार सुरक्षा की आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। खास बात ये है कि किसी भी नशा पीड़ित को किसी हाल में भी शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही मनोचिकित्सक द्वारा उनका समुचित इलाज करवाया जाएगा।
रोज होंगे ये काम
नशा मुक्ति केंद्रों में रोज योग शिक्षक के माध्यम से योगा कराया जाएगा। नशा पीड़ित जिस भी धर्म के होंगे उसके अनुसार उन्हें प्रार्थना,पूजा पाठ का अवसर दिया जाएगा। जरुरत के समय इलाज किया जाएगा। पीड़ित की क्षमता के मुताबिक उसे कौशल उन्नयन प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे और इंडोर गेम भी होंगे।
ये है योजना का उद्देश्य
प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित की जाने वाली इस योजना का उद्देश्य मादक द्रव्यों के उपयोग की रोकथाम,नशा पीड़ितों को नशा मुक्त करने तथा नशापान के नुकसान के प्रति जनचेतना विकसित करना है। इसके लिए 15 बिस्तरों के एकीकृत पुनर्वास केंद्र सामान्यत: शासकीय अस्पतालों या जिला मुख्यालय में उपयुक्त स्थान पर बनाए जाएंगे।
भोजन, नाश्ता, मनोरंजन फ्री
नशा मुक्ति केंद्रों में रखे जाने वाले लोगों को मुफ्त में रहने की जगह, पौष्टिक खाना, नाश्ता चाय मिलेगी। इलाज के लिए मुफ्त में दवा व चिकित्सा सेवा मिलेगी। मनोरंजन की गतिविधियां होंगी। महिला पुरुष अलग-अलग रखे जाएंगे। स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, बौद्धिक व शारीरिक विकास की व्यवस्था जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी। यह काम एनजीओ के माध्यम से कराया जाएगा।
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