मां-बाप के हत्यारे को आजीवन कारावास : सुंदरनगर के मकान में ही दफना दिया था शव, भोपाल में प्रेमिका के मर्डर के बाद खुला था राज

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डीडी नगर थाना क्षेत्र में अपने मां-बाप की हत्या कर घर के गार्डन में दफनाने वाले बेटे उदयन दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश एचएस टेकाम की कोर्ट ने उदयन दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि, उदयन दास नामक युवक ने अपने पिता बीके दास और मां इंद्राणी दास की गला दबाकर हत्या कर घर के गार्डन में दफना दिया था। इस मामले का खुलासा उसकी प्रेमिका की हत्या के बाद 2017 में हुआ था। जबकि उसने अपने माता-पिता की हत्या 2011 में ही कर दी थी। उल्लेखनीय है कि उदयन दास ने भोपाल में अपनी प्रेमिका आकांक्षा की हत्या के बाद मकान में ही चबूतरा बनाकर दफना दिया था। इस मामले की जांच के दौरान ही रायपुर के सुंदरनगर में अपने माता-पिता की 2011 में हत्या करने के मामले का पता चला था।
2008 में उदयन के परिवार ने खरीदा सुंदरनगर का मकान
मिली जानकारी के अनुसार, दास परिवार 2008 में ही सुंदरनगर का मकान खरीदकर उसमें शिफ्ट हुआ था। यह आलोक देवांगन का प्लाट था, जिसे इंद्राणी के नाम पर खरीदा गया था। यहां शिफ्ट होने के बाद दास परिवार ने पड़ोसियों से न कभी बात की, न किसी से संबंध रखा। वहीं माता-पिता की हत्या के बाद उदयन ने 2012 में मां का डेथ सर्टिफिकेट लगाकर यह मकान अपने नाम पर करवा लिया। इसी समय उसने कोचिंग टीचर सुरेश दुआ को मकान बेचने के लिए कहा और पॉवर ऑफ अटर्नी दे दी। 2013 में यह मकान शांतिनगर के एक वकील ने 31 लाख रुपए में खरीद लिया। मकान खरीदने वाले वकील ने उदयन दास को कभी देखा भी नहीं था।

भोपाल में मर्डर के बाद रायपुर से जुड़े तार
भोपाल में आकांक्षा मर्डर कांड के तार रायपुर से जुड़ने के बाद से यहां भी हड़कंप मच गया था। उदयन ने भोपाल पुलिस को माता-पिता की हत्या करके रायपुर के जिस मकान में दफनाने की बात बताई थी, वह मकान शांतिनगर में रहने वाले वकील हरीश पांडे ने खरीदा था। इसके बगीचे में दो लोगों की दफन होने की बात पता चलने के बाद उनका परिवार भी बेचैन था। रायपुर में पुलिस ने बताया कि भोपाल से पुलिस उदयन को लेकर रायपुर आ रही है। यहां बगीचे की खुदाई कर उदयन के माता-पिता की हत्या कर दफनाने की तसदीक की जानी थी।
घर के भीतर ही मार डाला मां-पिता को
आरोपी ने भोपाल पुलिस को बताया कि रायपुर में माता-पिता से उसका अक्सर विवाद होता था। इस वजह से उसने 2011 में दोनों को घर के भीतर ही मार डाला। चूंकि इस परिवार का पड़ोसियों से कोई ताल्लुक नहीं था, यहां कोई रिश्तेदार भी नहीं रहते थे, इसलिए किसी को इसकी भनक नहीं लगी। उदयन ने बगीचे वाली जगह पर दोनों को दफनाया और कुछ दिन तक यहीं रहा। इसके बाद उसने पुरानी बस्ती के अपने परिचित सुरेश दुआ को बताया कि आगे की पढ़ाई के लिए भोपाल जा रहा है। वह भोपाल चला गया, कभी-कभी यहां आता रहा। इस दौरान उसने सुरेश को मकान बिकवाने के लिए पावर ऑफ अटर्नी दे दी। मकान रियल एस्टेट कारोबारी संदीप श्रीवास्तव ने देखा तो खरीदने को तैयार हो गए। संदीप के कहने पर ही उनके अधिवक्ता दोस्त हरीश पांडे ने 31 लाख रुपए में 2013 में मकान का सौदा किया और रजिस्ट्री करवा ली।
प्रेमिका साथ रहने लगी तब खुल गया था राज
उदयन 7 साल से आकांक्षा को बताता था कि अमेरिका से उसे 4 दिन की छुट्टी मिली है। दो दिन आने-जाने में लगेंगे। दो दिन तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं। आकांक्षा फ्लाइट से भोपाल आती थी। दो दिन बाद वह जिस फ्लाइट से जाती थी, उदयन बताता था कि उसकी फ्लाइट बाद में है। वह एयरपोर्ट भी साथ जाता था। आकांक्षा के टेकऑफ करते ही वह टैक्सी से भोपाल के घर में लौट आता था। आकांक्षा जून 2016 से साथ रहने लगी, तब उदयन की पोल खुली। इसके बाद वह आकांक्षा से झगड़ने लगा कि दोस्त से बात क्यों करती है? इसी बात पर एक दिन आकांक्षा को भी मार डाला।
मकान की रजिस्ट्री के लिए उदयन आया था रायपुर
रायपुर का मकान खरीदने वाले हरीश पांडे ने बताया कि उनका पूरा सौदा उदयन के परिचित सुरेश दुआ के साथ हुआ। पैसा भी उसे ही दिया। पांडे के अनुसार रजिस्ट्री के समय उदयन रायपुर आया था और रजिस्ट्री पेपर्स पर दस्तखत भी किए लेकिन दोनों में कोई बात नहीं हुई। मकान खरीदने के बाद जब पांडे यहां आए तो सामने गार्डन नहीं था, खाली जमीन पड़ी थी और सब अस्त-व्यस्त था। उन्होंने ही वहां काली मिट्टी डलवाई, फिर गार्डन बनाया। 1800 वर्गफीट पर बना यह मकान डुप्लेक्स है।
अय्याशी से रोकने पर की मां-पिता की हत्या
प्रेमिका के हत्या के आरोपी उदयन दास ने शनिवार को भोपाल पुलिस को बताया कि उसने छह साल पहले बुजुर्ग मां इंद्राणी दास और पिता वीके दास की हत्या की थी। माता-पिता उसे नशे और अय्याशी से रोकते थे। उदयन के मुताबिक उसे वारदात का दिन या तारीख याद नहीं है। सिर्फ यही पता है कि उस दिन बारिश हो रही थी। माता-पिता ने उसे बाहर जाने और नशा करने से टोका था। तब उसने गुस्से में पहले मां का गला दबाया। फिर पिता को भी मार डाला। अंधेरा हो गया, तब उसने घर के सामने बगीचे में गड्ढा खोदा और दोनों को दफन कर दिया।
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