थोक सप्लाई पर तालाबंदी, संकट में कारोबारी, छोटी दुकानों में किराना स्टाॅक सिर्फ 4-5 दिन का

राज्य शासन ने भले ही किराना सामग्री घर-घर पहुंचाने सिस्टम बनाने फरमान जारी किया है लेकिन छोटे किराना व्यापारियों काे अब स्टॉक की तंगी संकट पैदा करते दिख रही है। छोटे दुकानदारों के पास मौजूदा स्थिति में सिर्फ 4 से 5 दिनों का ही स्टाक रह गया है। लाॅकडाउन की लंबी अवधि में जनता की भूख मिटाने इतने राशन की भरपाई बिना थोक बाजार खुले संभव नहीं है।
ऐसे में छोटे कारोबारी भी बचे हुए स्टॉक में कीमतें बढ़ाने प्रयास में जुटे हुए हैं। छोटे कारोबारियों का कहना है कि अगर फोन पर सामान के लिए आर्डर लेकर उसे घर-घर पहुंचाएंगे तो उसके लिए ट्रांसपोर्टिंग का भाड़ा बढ़ेगा। लोगों की तरफ से जितने सामानों की डिमांड होगी उसकी आपूर्ति भी मुश्किल से कर सकेंगे।
ऐसे में उन्हें भी सामानों की कीमतें बढ़ाने मजबूर होना पड़ेगा। थोक बाजार में अनाज और दूसरी सामग्री खरीदे जाने के बाद ही गली-मोहल्लों और कालोनियों में डिमांड पूरी कर सकते थे लेकिन फोन पर आर्डर लेकर सामान भेजने सिस्टम बनाने उन्हें ही सामान की तंगी से जूझना पड़ेगा।
19 अप्रैल से आगे बढ़ाए गए लॉकडाउन के फैसले के बाद कम से कम एक दो दिन थोक बाजार खोले जाने से उनके लिए परेशानी कम होती। कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन के आदेश के बाद से सिर्फ निगम के सभी जोन में किराना कारोबारी फोन पर आर्डर लेकर सामान घर पहुंचा सकेंगे। दुकानें कहीं नहीं खुलेंगी और ग्राहक भी जमा नहीं होंगे।
बड़े शॉप और माॅल रहेंगे बंद
राशन सामग्री घर-घर सप्लाई करने की नई व्यवस्था के बीच जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि थोक बाजार कहीं नहीं खुलेंगे। शहर के अंदर संचालित राशन के लिए बड़े शॉप और मॉल भी बंद ही रहेंगे। बता दें कि फुटकर और छोटे किराना कारोबारी इन्हीं जगहों से बड़ी मात्रा में राशन सामग्री जुटाते हैं। लॉकडाउन के पहले यहां से सामग्री ली थी।
सूखी सामग्रियों में महंगे दाम
राशन की सूखी सामग्रियों में अब दाम बढ़ गए हैं। आटा, दाल, चना के साथ जरूरी मसाले की कीमतें बढ़ी हुई है। फोन में डिलीवरी के सिस्टम के बीच वजनदार सामग्रियों की डिमांड के हिसाब से उसकी कीमतें लगाने की तैयारी है। आटा, शक्कर, चना, दाल और चावल ऐसी सामग्रियां हैं जिनकी डिमांड सबसे ज्यादा है। ऐसे में सभी को राशन मिल पाना भी मुश्किल है।
छोटे कारोबारियों के लिए परेशानी
सामान सप्लाई के लिए अतिरिक्त महंगे परिवहन साधन की तंगी, छोटे किराना दुकानों का संचालन एक दो लोगों पर निर्भर डिलीवरी स्टाफ नहीं किराना में अतिआवश्यक सामग्रियों की सप्लाई लॉकडाउन के बाद से टोटल बंद फोन पर बुकिंग और डिलीवरी का चेनल महंगा इक्के-दुक्के आर्डर से घाटा ज्यादा।
अव्यवहारिक व्यवस्था
छोटे किराना कारोबारियों के लिए होम डिलीवरी की व्यवस्था कर पाना मुश्किल ही है। वैसे ही छोटी दुकान में एक दो कर्मचारी व्यवस्था संभालते हैं। जरूरी अति आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति अभी कर पाना मुश्किल है जब तक कहीं से थोक में सामान न मिले।
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