एम-वाहन एप से वाहनों के मर्ज की होगी जांच, चालकों की मनमानी पर लगेगी रोक

एम-वाहन एप से वाहनों के मर्ज की होगी जांच, चालकों की मनमानी पर लगेगी रोक
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प्रदेश में बगैर फिटनेस जांच कराए वाहन संचालन कराने वाले वाहन मालिकों पर लगाम लगाने एम-वाहन एप लांच किया गया है। परिवहन विभाग ने इस एप को एक मार्च से लागू किया है। उल्लेखनीय है कि एप के माध्यम से वाहनों की फिटनेस जांच होने के बाद उसकी फोटो एप में अपलोड करनी होगी।

प्रदेश में बगैर फिटनेस जांच कराए वाहन संचालन कराने वाले वाहन मालिकों पर लगाम लगाने एम-वाहन एप लांच किया गया है। परिवहन विभाग ने इस एप को एक मार्च से लागू किया है। उल्लेखनीय है कि एप के माध्यम से वाहनों की फिटनेस जांच होने के बाद उसकी फोटो एप में अपलोड करनी होगी। इसके लिए वाहन मालिकों को अपने वाहन परिवहन विभाग में लाना अनिवार्य होगा। साथ ही फिटनेस जांच की मिलने वाली रसीद पर क्यूआर कोड भी परिवहन विभाग शुरू करने जा रहा है। क्यूआर कोड को स्कैन करने से वाहन की पूरी जानकारी मिल जाएगी कि वाहन मालिक ने अपने वाहन की कब फिटनेस जांच कराई थी। जांच में फिटनेस रिपोर्ट क्या आई है।

उल्लेखनीय है कि रायपुर परिवहन कार्यालय में प्रतिदिन औसतन 75 वाहन फिटनेस जांच कराने के कराने के लिए आते हैं। उन वाहनों का परिवहन विभाग के कर्मचारी फिटनेस जांच करने के बाद रिपोर्ट अफसरों को देते हैं। इसके साथ कई रसूखदार वाहन चालक अपने वाहन को परिवहन कार्यालय भेजने के बजाय कागजों पर फिटनेस रिपोर्ट तैयार कराकर लोगों की जान जोखिम में डालकर वाहनों को दौड़ाते हैं। एप के शुरू होने से इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों पर अंकुश लगने का दावा परिवहन विभाग के अफसर कर रहे हैं।

ऐसे काम करेगा एम-वाहन एप

रायपुर आरटीओ शैलाभ साहू के मुताबिक वाहनों की फिटनेस जांच के बाद जांच अधिकारी वाहन की फोटों खींचकर एप के साफ्टवेयर में अपलोड करेगा। जांच अधिकारी वाहन से पांच सौ मीटर दूर हो जाएगा, तो एप काम करना बंद कर देता है। इस वजह से जांच अधिकारी जांच के नाम पर अपनी मनमानी नहीं कर सकेगा। एप के साफ्टवेयर में फोटो अपलोड होने से वाहन मालिक ने यदि मोटर व्हिकल एक्ट के विपरीत वाहनों को मोडिफाई किया होगा, तो वह तत्काल पकड़ा जाएगा।

मनमानी पर अंकुश

एप के माध्यम से वाहनों की जांच करने का मूल कारण वाहन मालिकों की मनमानी पर रोक लगाना है। साथ ही परिवहन नियमों का सख्ती से पालन कराना है। एप के माध्यम से वाहनों की फिटनेस जांच होने से परिवहन विभाग की छवि पर जो प्रश्नचिन्ह लगता है, उस पर रोक लगेगी।

स्कैन से मिलेगा वाहनों का डेटा

एप के माध्यम से फिटनेस जांच होने से परिवहन विभाग को दस्तावेजी कार्यवाही से मुक्ति मिलेगी। साथ ही एप से वाहन की जांच कराने पर मिलने वाली रसीद पर क्यूआर कोड रहेगा। इसके बाद रास्ते में परिवहन विभाग के अफसर संबंधित वाहन की फिटनेस जांच करते हैं, तो रसीद के क्यूआर कोड को स्कैन किए वाहन की पूरी डिटेल हासिल कर सकते हैं। साथ ही वाहन मालिक को परिवहन विभाग में अपने वाहन की फिटनेस जांच की डाटा एंट्री कराने से मुक्ति मिलेगी।

पारदर्शिता आएगी

वाहन मालिकों द्वारा अपने वाहनों की नियमित फिटनेस जांच नहीं कराने की शिकायत मिलती रहती थी। इसके साथ ही वाहन मालिकों द्वारा फिटनेस जांच कराने के नाम पर मनमानी की शिकायतें मिलती थीं। एम-वाहन एप से फिटनेस जांच शुरू होने से फिटनेस जांच में पारदर्शिता आएगी।


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