CG Politics : विधायकों के छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने पर एमए छत्तीसगढ़ी संघ ने विधायकों का माना आभार

हेमंत वर्मा-धरसींवा। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद और प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि, विधायक जीत के बाद शपथ छत्तीसगढ़ी में ही लेंगे। सरकार बनने के बाद लागतार ये मांग भी उठने लगी थी विधानसभा में विधायक छत्तीसगढ़ी में शपथ लें। हुआ भी यही मंगलवार को अनुज शर्मा सहित कई विधायकों ने छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली।
आपको बता दें कि, इस बार विधान सभा के नव निर्वाचित सदस्यों को छत्तीसगढ़ी में ही शपथ लेने कीमांग कई संगठनो ने की थी। इसमें सर्वप्रथम धरसींवा विधायक अनुज शर्मा अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ शीतल बाड़ी स्थित कार्यालय से छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में पैदल ही विधान सभा पहुंचे और छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली।
विधानसभा में छत्तीसगढ़ी की महक नजर आई-लोकेश
छत्तीसगढ़ विधान सभा में मंगलवार को जैसे ही छत्तीसगढ़ी में विधायको ने शपथ ली तो पूरा विधानसभा में जय छत्तीसगढ़ की नारों से गूंज उठा। एमए. छत्तीसगढ़ी संघ के प्रभारी लोकेश सेन ने राज्य के नवनिर्वाचित विधायकों, मंत्रियों से छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ग्रहण करने की मांग उठाई थी। शपथ के बाद उन्होंने कहा कि, इस शपथ से युवाओं और MA छत्तीसगढ़ी संघ के सदस्यों में ख़ुशी की लहर दौड़ी है। क्षेत्र में विधायक अनुज शर्मा जिंदाबाद के नारों के साथ जम कर आतिशबाजी की गई।
शपथ से राजभाषा का बढ़ा सम्मान-चन्द्रकांत सोनमिरी
सदस्य मनवाधिकार आयोग के सदस्य चन्द्रकांत सोनमिरी ने हरिभूमि से चर्चा करते हुए बताया कि, वर्ष 2007 में भाजपा की तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार ने ही छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा दिया। छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग का गठन किया था। उन्होंने आगे कहा कि, यह छत्तीसगढ़ के 2 करोड़ जनता के सम्मान और पहचान की बात हैं. इसे नई सरकार ने पूर्ण रूप से स्वीकार कर छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ लेकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ी को राजभाषा बने पंद्रह वर्ष गुजर जाने के बावजूद किसी भी सरकार ने इसे पूर्ण भाषाई दर्जा नहीं दिला पाई मगर इस सरकार ने लाज रख ली।
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