महाशिवरात्रि: शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़, श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक कर मांगा सुख-समृद्धि का वरदान

उमेश यादव- कोरबा। आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व धूम-धाम से मनाया गया। वहीं छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भी महाशिवरात्रि पर्व की धूम है। शहर के सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने जल,दूध और घी से रुद्राभिषेक किया। वहीं भक्तों ने महादेव को बेल पत्र अर्पित कर सुख-समृद्धि का वरदान मांगा। शिवरात्रि मनाए जाने को लेकर पौराणिक कथा है। मान्यता है,कि इसी दिन भगवान शिव ने शिवलिंग का रूप धारण किया था और इसी दिन माता पार्वती के साथ उनका विवाह भी हुआ था।
बता दें कि महाशिवरात्रि के शुभावसर पर कोरबा में भगवान शिव के भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला। शहर के सभी शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली। सभी ने शिव-शंकर की आराधना कर सुख-समृद्धि का वरदान मांगा। महाशिवरात्री को लेकर कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। फागुन माह के कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि मनाया जाता है। इस तिथि के स्वामी शिव जी ही हैं। मान्यता है कि इसी तिथि पर सृष्टि के प्रारंभ में रात के समय ब्रह्मा-विष्णु के सामने शिव जी लिंग रूप में प्रकट हुए थे। जब प्रलय काल आता है, तब इसी तिथि पर प्रदोष के समय शिव जी तांडव करते हुए ब्रह्मांड को समाप्त कर देते हैं। इस वजह से महाशिवरात्रि को कालरात्रि भी कहा जाता है।
नटराज ग्रंथ में महाशिवरात्रि के दिन शिव-पार्वती का वर्णन
भारत के अलग-अलग स्थानों पर महाशिवरात्रि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध ग्रंथ नटराज में शिव जी के बारे में लिखा है कि मधुमास यानि कि फाल्गुन माह की चतुर्दशी को शिव पूजा करने से भक्तों की कोई इच्छा अधूरी नहीं रहती है। महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव का विश्व में अवतरण हुआ था और इसी दिन माता पार्वती के साथ उनका विवाह भी हुआ था। इस दिन सच्चे मन से प्रभु की आराधना करने से मन-वांछित ईच्छा की पूर्ती होती है।
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