एक करोड़ में 8 करोड़ नकली नोट बनाने का हुआ था ठेका, कोलकाता पहुंचने पर मिलते पैसे

एक करोड़ में 8 करोड़ नकली नोट बनाने का हुआ था ठेका, कोलकाता पहुंचने पर मिलते पैसे
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ओडिशा के पोटांगी थाना क्षेत्र के सुनकी पुलिस चौकी पर 7 करोड़ 90 लाख रुपए के नकली नोट के साथ दबोचे गए गिरोह का मास्टर माइंड इंजीनियर रविंद्र कुमार मनहर और हर कुमार साहू व विजय बर्मन ने करीब दो महीने में नकली नोट छापे थे। सूत्रों का दावा हैकि गिरोह के मास्टर माइंड रविंद्र ने एक करोड़ रुपए में 8 करोड़ रुपए छापने का ठेका लिया था।

ओडिशा के पोटांगी थाना क्षेत्र के सुनकी पुलिस चौकी पर 7 करोड़ 90 लाख रुपए के नकली नोट के साथ दबोचे गए गिरोह का मास्टर माइंड इंजीनियर रविंद्र कुमार मनहर और हर कुमार साहू व विजय बर्मन ने करीब दो महीने में नकली नोट छापे थे। सूत्रों का दावा हैकि गिरोह के मास्टर माइंड रविंद्र ने एक करोड़ रुपए में 8 करोड़ रुपए छापने का ठेका लिया था। आरोपी रविंद्र को पेपर कलर प्रिंटर समेत अन्य सामान खरीदने लाखों रुपए मिले थे।

पैसे लेकर उसे कोलकाता पहुंचने पर बाकी पैसे मिलना था लेकिन पैसे कैश में नहीं बल्कि तीनों के अकाउंट में जमा करने की बात पहले से तय थी। गुरुवार को उन्हें नकली नोट की डिलीवरी देना था। इधर ओडिशा पुलिस ने गिराेह के मास्टर माइंड इंजीनियर रविंद्र को रिमांड पर लिया है। शुक्रवार को ओडिशा पुलिस टीम उसे कोरापुट से लेकर रायपुर के लिए रवाना हो गई। हालांकि सूत्रों का दावा है कि नोट छापने के बाद आरोपी रविंद्र ने कलर प्रिंटर को जला दिया है लेकिन उसके रायपुर पहुंचने के बाद ही स्पष्ट होगा।

आरोपी विजय ने चार साल पहले खरीदी थी कार

सूत्राें के मुताबिक नकली नोट से भरी कार सीजी 04-एलएस-0545 को आरोपी विजय कुमार बर्मन ने चार साल पहले खरीदा था। कार खुद आरोपी विजय ही ड्राइव करता था। नकली नोट की डिलीवरी देने के बाद जो पैसे मिलते उससे कार की किस्त जमा करने का प्लान था।

दो महीने में छापे थे नकली नोट

सूत्रों का दावा है कि आरोपी ने रायपुर में किराए का फ्लैट ले रखा था जिसमें रोज करीब सात घंटे तक कलर प्रिंटर के माध्यम से नकली नोट छापते थे। इसके लिए उन्होंने बेतरीन क्वॉलिटी के पेपर भी कोलकाता से मंगाए थे। करीब दो महीने में उन्हाेंने इतनी ज्यादा मात्रा में नकली नोट तैयार किया था।

यह है मामला

गौरतलब है कि ओडिशा पुलिस के मुताबिक बस्तर-ओडिशा बार्डर पर मंगलवार को पुलिस जांच कर रही थी। इस दौरान छत्तीसगढ़ पासिंग नंबर की फॉेर्ड कार को रोका गया था। कार से चार ट्रॉली बैग मिले थे जिसमें 500 रुपए के 1580 बंडल थे और हर बंडल में 500 के 100 नोट थे। इसके साथ उनके पास से पांच मोबाइल और 35 हजार रुपए बरामद किया गया था। आरोपियों के मोबाइल की डिटेल पुलिस खंगाल रही है।

ऐसे तैयार किए थे नकली नोट

सूत्रों के मुताबिक आरोपी रविंद्र नोट को स्कैन कर मार्जिन सेट कर आगे-पीछे की साइड की कॉपी कर लेता था। 100 रुपए और 500 रुपए के नोट की फाइल बनाई थी। कलर प्रिंटर की मदद से प्रिंट आउट निकाल लेता था। इसके बाद दोनों आरोपी उसकी कटिंग करते थे। आरोपी नकली नोट में ब्रांड पेपर, कैंची, हरा टेप, कलर पेन और प्रिंट इंक का उपयोग करता था।

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