Manipur violence: मणिपुर की हालत देख रो पड़ी सांसद फूलो देवी, विपक्षी सांसदों ने जताया मदद का भरोसा

Manipur violence: छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद फूलो देवी ने मणिपुर हिंसा से प्रभावित चार पांच कैंपों का विपक्षी सांसदों (Opposition MP) के दल ने दौरा किया है। और राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानने का प्रयास किया है। राहत कैंपों में लोगों के साथ हुई बर्बरता देखकर सांसद भी अपने आंसू नहीं रोक पाई। उन्होंने कहा कि वहां पर महिलाओं और बच्चों की हालत बहुत खराब है। अब तक हमने पांच शिविरों और हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी स्थिति का जायजा लिया। वहीं लोगों का हालचाल जानने का प्रयास किया। मणिपुर हिंसा पर राज्य और सरकार वहां की हकीकत को छिपाने का प्रयास कर रही है।
सांसद फूलो देवी (Phulo Devi) ने बताया कि शनिवार सुबह विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया इंफाल पहुंचा। सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा गया। वे अलग अलग शिविरों में जाकर वहां की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हमारी टीम ने यहां पर चुड़ाचांदपुर जिले (Churachandpur District) में डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर और अन्य दो राहत शिविर का दौरा किया है। राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने बताया कि यहां पर बर्बरता के बाद अपना घर छोड़कर रह रहे हैं। वहीं पूरे परिवार के साथ महीनों से यहां रह रहे हैं।
अमानवीयता ऐसी जो असहनीय
सांसद फूलो देवी (MP Phulo Devi) ने बताया कि सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने वहां पर उन परिवार के लोगों से भी मुलाकात की। जिनका निर्वस्त्र वीडियो (Nude Videos) वायरल किया गया था। उन्होंने बताया कि दो समुदाय के झगड़े में उनकी बेटी को पहले तो पीटा गया। विरोध करने पर उनके पिता और भाई को भी मारा गया। मां को भी निर्वस्त्र कर घुमाया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी अमानवीयता हमने इस सरकार में देखी है, जो असहनीय है। राहत शिविर में लाकर हमें रखा गया है, लेकिन यहां भी सुरक्षित नहीं है। वहीं कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले एक सैनिक परिवार से भी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। उन्होंने बताया कि यहां पर स्थिति बहुत खराब है। हमारे घर जला दिए गए। घर की महिलाओं को नंगा कर घुमाया गया। यहां पर महिलाओं से सामूहिक अनाचार की घटनाएं हो रही है।
सरकार के इंतजाम नाकाफी, सांसदों से मांगा सहयोग
मणिपुर दौरे में पहले दिन अब तक की गई मुलाकात के बाद वहां की जनता ने वहां की सरकार के इंतजाम को नाकाफी बताते हुए सांसदों से सहयोग मांगा है। राहत शिविर में रह रहे लोग काफी डरे हुए हैं। सड़कों पर दंगाइयों और हिंसा करने वालों से बच कर यहां की महिलाएं यहां रहने का मजबूर हैं। सांसद प्रतिनिधि से चर्चा के दौरान राहत शिविर में रह रहे लोगों ने बताया कि यहां पर चावल दाल खाने को दिया जा रहा है। यहां पर का माहौल को शांत कराने सरकार की तरफ से प्रयास न किए जाने से हालात खराब हो रहे हैं।
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