दसवीं में थोक में मिले अंक, फिर भी 11वीं में एडमिशन के लिए होगी प्रवेश परीक्षा

रायपुर. निजी स्कूलों के छात्रों को इस बार 11वीं कक्षा में प्रवेश पाने के लिए प्रवेश परीक्षा दिलानी पड़ सकती है। यह स्थिति इसलिए निर्मित हो गई है, क्योंकि 10वीं कक्षा में असाइनमेंट के आधार पर मूल्यांकन किए जाने के कारण छात्रों को थोक में अंक मिले हैं। स्कूल निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं कि छात्रों को 11वीं कक्षा में विषय किस आधार पर प्रदान किए जाएं। 100 प्रतिशत छात्रों ने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और 97 फीसदी छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। सामान्य दिनों में स्कूलों द्वारा विज्ञान, गणित, वाणिज्य तथा कला संकाय में प्रवेश प्रदान करने के लिए मेरिट का सहारा लिया जाता रहा है।
इस बार छात्रों को लगभग एक जैसे अंक ही मिले हैं, इसलिए स्कूलों को प्रवेश परीक्षा लेने के स्थान पर और कोई विकल्प नहीं मिल रहा है। सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया 15 जून से प्रारंभ होने की संभावना है। शासकीय विद्यालयों में किस आधार पर छात्रों को संकाय प्रदान किए जाएंगे, इसका निर्धारण फिलहाल नहीं किया गया है।
सीबीएसई स्कूलों में मेरिट लिस्ट ही माध्यम
प्रवेश परीक्षा के साथ ही स्कूल एप्टिट्यूट टेस्ट लेने या छात्रों की काउंसिलिंग की भी योजना बना रहे हैं। हालांकि सीबीएसई स्कूलों में इस तरह की कोई भी स्थिति निर्मित नहीं होगी। सीबीएसई द्वारा अंकों के थाेक में आवंटन पर रोक लगाने के लिए नियम लागू किया गया है कि स्कूल बीते तीन वर्षों के औसत नतीजों से अधिक बेहतर अंक नहीं दे सकेंगे। छात्रों का मूल्यांकन उनके बीते तीन सालों के प्रदर्शन के आधार पर होना है, इसलिए सीबीएसई स्कूलों में इस बार भी मेरिट लिस्ट ही विषय प्रदान करने का माध्यम बनेंगे।
प्रवेश परीक्षा पर विचार
सभी छात्रों को एक जैसे अंक मिले हैं, ऐसे में विषय प्रदान करने आधार जरूरी है। कई निजी स्कूल इसके लिए संस्था स्तर पर ही प्रवेश परीक्षा लेने विचार कर रहे हैं।
- राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
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