थ्योरी में 90 फीसदी अंक, लेकिन नहीं मिली प्रायोगिक परीक्षा की सूचना, माशिम ने किया फेल

थ्योरी में 90 फीसदी अंक, लेकिन नहीं मिली प्रायोगिक परीक्षा की सूचना, माशिम ने किया फेल
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12वीं कक्षा के नतीजे घोषित होने के साथ ही बड़ी त्रुटि सामने आई है। प्राइवेट छात्रों तक प्रायोगिक परीक्षाओं की जानकारी नहीं पहुंचने के कारण वे इसमें शामिल नहीं हो सके। स्कूलों ने छात्रों को अनुपस्थित बनाकर सूची माशिम को भेज दी। नियमत: छात्रों के लिए थ्योरी और प्रायोगिक परीक्षा में पृथक-पृथक रूप से उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है।

12वीं कक्षा के नतीजे घोषित होने के साथ ही बड़ी त्रुटि सामने आई है। प्राइवेट छात्रों तक प्रायोगिक परीक्षाओं की जानकारी नहीं पहुंचने के कारण वे इसमें शामिल नहीं हो सके। स्कूलों ने छात्रों को अनुपस्थित बनाकर सूची माशिम को भेज दी। नियमत: छात्रों के लिए थ्योरी और प्रायोगिक परीक्षा में पृथक-पृथक रूप से उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है। चूंकि इन छात्रों के प्रायोगिक अंक माध्यमिक शिक्षा मंडल को प्राप्त नहीं हुए इसलिए इन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित दर्शाकर फेल घोषित कर दिया गया है।

ऐसे छात्रों की संख्या 100 से अधिक है। इनमें से अधिकतर छात्रों को सैद्धांतिक परीक्षा में 90 फीसदी से अधिक अंक मिले हैं। छात्रों का कहना है कि स्कूलों द्वारा उन्हें प्रायोगिक परीक्षाओं की जानकारी ही नहीं दी गई थी। प्राइवेट छात्रों के लिए केंद्र बनाए गए स्कूलों ने कई परीक्षार्थियों के अंक भेजे हैं जबकि कई छात्रों को अनुपस्थित बता दिया है। जेआर दानी, जेएन पांडेय स्कूल से प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में आवेदन करने वाले छात्र भी इसमें शामिल हैं। प्रदेश के दूसरे जिलों से भी इस तरह के मामले सामने आए हैं।

इसलिए दिक्कत

माशिम द्वारा आयोजित की गई 12वीं की परीक्षा में 2 लाख 89 हजार 23 छात्र शामिल हुए थे। इनमें से 6500 छात्रों ने प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में आवेदन किया था। प्राइवेट परीक्षार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा अथवा प्रोजेक्ट लिए जाने संबंधित निर्णय अपेक्षाकृत बाद में लिया गया। सूत्रों के अनुसार कई छात्र ऐसे थे जो इस फैसले के पूर्व ही अपने केंद्र में जाकर प्रायोगिक परीक्षा के संदर्भ में जानकारी ले चुके थे। उस वक्त कोई आदेश जारी नहीं किया गया था इसलिए छात्रों को परीक्षा की जानकारी नहीं दी जा सकी। बाद में जब प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की गईं तब छात्रों तक यह सूचना नहीं पहुंच पाई और वे अनुपस्थित श्रेणी में आ गए। छात्रों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी इसलिए एक और मौका दिया जाए।

फिलहाल फैसला नहीं

इस मामले पर अभी फैसला नहीं हुआ है। छात्रों ने प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं दिलाई अथवा प्रोजेक्ट वर्क जमा नहीं किए इसलिए उन्हें फेल किया गया है।


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