एमबीबीएस-बीडीएस में प्रवेश की दूसरी काउंसिलिंग 10 के बाद

एमबीबीएस-बीडीएस में प्रवेश की दूसरी काउंसिलिंग 10 के बाद
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एमबीबीएस और बीडीएस के दूसरे चरण की काउंसिलिंग 10 दिसंबर के बाद ही प्रारंभ होने की संभावना है। इसी दिन ऑल इंडिया कोटे से प्रवेश की अंतिम तारीख है, जिसके बाद खाली बची सीटें वापस मिलेंगी। पहले चरण में दोनों विषयों में जारी 1310 लोगों की आवंटन सूची में 774 लोगों ने प्रवेश लिया है।

एमबीबीएस और बीडीएस के दूसरे चरण की काउंसिलिंग 10 दिसंबर के बाद ही प्रारंभ होने की संभावना है। इसी दिन ऑल इंडिया कोटे से प्रवेश की अंतिम तारीख है, जिसके बाद खाली बची सीटें वापस मिलेंगी। पहले चरण में दोनों विषयों में जारी 1310 लोगों की आवंटन सूची में 774 लोगों ने प्रवेश लिया है। दोनों विषयों को मिलाकर चिकित्सा पाठ्यक्रम में 1018 सीटें राज्य कोटे की हैं।

राज्य कोटे से मेडिकल और डेंटल काॅलेजों में प्रवेश के लिए पहले चरण की काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है और 774 लोगों ने शासकीय और निजी मेडिकल काॅलेजों में अपने एडमिशन की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग अखिल भारतीय कोटे के दूसरे चरण की काउंसिलिंग होने के इंतजार में बैठा है, जो 10 दिसंबर को पूरी होगी। इसके बाद ही यहां दूसरे चरण की काउंसिलिंग होगी, जिसमें ऑल इंडिया कोटे से एडमिशन के बाद खाली बची सीटों को वापस किया जाएगा, जिसमें एडमिशन राज्य कोटे से किया जाएगा।

वर्तमान में प्रदेश के छह शासकीय मेडिकल काॅलेजों में ऑल इंडिया कोटे की 112 सीटें हैं, जबकि एकमात्र शासकीय डेंटल काॅलेज में इसकी संख्या 15 है। सूत्रों के मुताबिक मेडिकल काॅलेजों में हर चार से पांच सीटें वापस राज्य के खाते में आ जाती हैं, जिसका फायदा यहां के विद्यार्थियों को मिलता है।

प्रदेश के शासकीय और निजी मेडिकल काॅलेज में स्टेट कोटे की 686 सीटें, वहीं डेंटल काॅलेज में इनकी संख्या 332 है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में अगर सभी सीटों पर एडमिशन नहीं हो पाता है, तभी इसे पूरा करने के लिए मॉपअप राउंड का सहारा भी लिया जाता है, जो जरूरत के हिसाब के एक से दो हो जाता है।

डेंटल में समस्या

चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शासकीय के साथ निजी मेडिकल काॅलेजों में निर्धारित सीटें तो हर साल फुल हो जाती हैं, मगर दंत चिकित्सा की सीटें खाली रह जाती हैं। नीट में चयनित होने वाले विद्यार्थियों की पहली प्राथमिकता मेडिकल काॅलेज होता है और अंतिम विकल्प डेंटल काॅलेज होता है। पिछले साल भी एकमात्र शासकीय काॅलेज को छोड़कर निजी डेंटल काॅलेजों में काफी सीटें खाली रह गई थीं।

103 काॅलेजों को बीएससी नर्सिंग की अनुमति

वर्ष 2020-21 में बीएससी नर्सिंग के लिए छत्तीसगढ़ नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा प्रदेश के 103 काॅलेजों को अनुमति दी गई है। इसके बाद इन काॅलेजों को आयुष विश्वविद्यालय की ओर अध्यापन की व्यवस्था को देखते हुए इस साल विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए अनुमति प्रदान की जाएगी। इस वर्ष कोरोना इमरजेंसी को देखते हुए इंडियन नर्सिंग कौंसिल द्वारा 31 दिसंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दी गई है।

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