9 साल से मेडिकल कॉलेज की सीटें 50 तक ही : एमसीआई ने अधूरी बिल्डिंग और आधे-अधूरे इंफ्रास्ट्रक्चर पर जताई नाराजगी, अतिरिक्त सीटों की स्वीकृति से किया इंकार

9 साल से मेडिकल कॉलेज की सीटें 50 तक ही : एमसीआई ने अधूरी बिल्डिंग और आधे-अधूरे इंफ्रास्ट्रक्चर पर जताई नाराजगी, अतिरिक्त सीटों की स्वीकृति से किया इंकार
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लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की साल 2009 में नींव रखी गई थी। साल 2013 में कॉलेज को तैयार किया गया और एमबीबीएस प्रथम वर्ष की 50 सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी गई। तब कॉलेज प्रबंधन ने तीन सालों के भीतर कॉलेज को सौ सीटों के साथ संचालित करने का दावा किया था। क्या है मामला पढ़िए पूरी खबर...

अमित गुप्ता/रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की सीटें इस बार भी नहीं बढ़ पाई हैं। एमसीआई ने कॉलेज की अधूरी बिल्डिंग और आधे-अधूरे इंफ्रास्ट्रक्चर पर नाराजगी जाहिर करते हुए अतिरिक्त सीटों की स्वीकृति से इंकार कर दिया है। ऐसे में कॉलेज निर्माण में लेटलतीफी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

9 साल से अब तक नहीं बढ़ी सीटें

दरअसल रायगढ़ जिले में लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की साल 2009 में नींव रखी गई थी। साल 2013 में कॉलेज को तैयार किया गया और एमबीबीएस प्रथम वर्ष की 50 सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी गई। तब कॉलेज प्रबंधन ने तीन सालों के भीतर कॉलेज को सौ सीटों के साथ संचालित करने का दावा किया था। लेकिन तय समय में कॉलेज प्रबंधन कॉलेज भवन और हॉस्पिटल का निर्माण नहीं कर पाया। नतीजन कॉलेज को अतिरिक्त सीटों की अनुमति नहीं मिल पाई। इसके बाद से लेकर अब तक कॉलेज संचालन को नौ साल हो चुके हैं, लेकिन जिले को मेडिकल की 50 अतिरिक्त सीटों की अनुमति अब तक नहीं मिल पाई है। हाल ही में कॉलेज के इंस्पेक्शन के लिए आईएमसीआई की टीम ने आधे-अधूरे कॉलेज भवन, पर्याप्त मेडिकल सेटअप की कमी और हॉस्पिटल शिफ्टिंग न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस साल भी अतिरिक्त सीटों की अनुमति से इंकार कर दिया है। नतीजन साल 2023 के लिए भी कॉलेज में 50 सीटें ही होंगी। हालांकि आगामी सत्र के लिए पीजी की दस सीटों की अनुमति कॉलेज को मिली है।

केंद्र स्तर पर सीटें बढ़वाने प्रयास जारी : प्रबंधन

इधर मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन सफाई दे रहा है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि कॉलेज को नई बिल्डिंग में शिफ्ट करने के बाद हॉस्पिटल में अन्य सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। सीटों में वृद्धि के लिए कॉलेज की ओर से डीपीआर बनाकर भेजा गया था। सितंबर महीने में हुई बैठक के बाद कुछ कमियां बताई गई थी, जिसके बाद फिर से डीपीआर भेजा गया है। केंद्र स्तर पर सीटें बढ़वाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

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