चिकित्सा छात्रों को मोटी फिस से मिलेगी राहत, अगले साल एमबीबीस की बढ़ेंगी छह सौ सीटें

रायपुर। अगले साल से चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को निजी काॅलेजों की मोटी फीस से राहत मिल सकती है। शासकीय स्तर पर चार नए मेडिकल काॅलेज खोलने और चार पुराने काॅलेजों में सीटें बढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रस्तावित नए और पुराने कॉलेजाें में सीट बढ़ाए जाने से छह सौ सीटें मिलेंगी। इससे प्रदेश में अधिक संख्या में डाॅक्टर तैयार होंगे और उनका संकट दूर हो जाएगा। केंद्र सरकार राज्यों में जिला स्तर पर नए मेडिकल काॅलेज खोलने के लिए मदद कर रही है। इससे राज्य में चिकित्सा की पढ़ाई कर तैयार होने वाले डाॅक्टरों काे हर क्षेत्र में तैनात कर स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
इस साल महासमुंद और कोरबा काॅलेज को एनएमसी की मान्यता मिली थी, इसके साथ ही शासन द्वारा अधिग्रहित चंदूलाल चंद्राकर स्मृति मेडिकल काॅलेज में प्रवेश की अनुमति मिलने से चिकित्सा छात्रों को सीधे साढ़े तीन सौ सीटों का फायदा हुआ था। अगले साल चार नए मेडिकल काॅलेज खोलने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसमें कबीरधाम और जांजगीर में कालेज के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। मनेंद्रगढ़ और दंतेवाड़ा में इसका काम चल रहा है। चारों काॅलेजों में 100-100 सीटों के हिसाब से चार सौ सीटों का फायदा होगा।
इसी तरह चार पुराने मेडिकल काॅलेजों में सीटें बढ़ाने की तैयारी भी की जा रही है, इनमें बिलासपुर, अंबिकापुर में 50-50 तथा रायगढ़ में 40 सीटें बढ़ाने की अनुमति मिल चुकी है। रायपुर के शासकीय मेडिकल काॅलेज में भी 50 सीटें बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए राज्य शासन से अनुमति के बाद प्रस्ताव एनएमसी को प्रेषित किया जा चुका है। इस तरह सीट की क्षमता बढ़ने से दो सौ सीटों का फायदा सीधे चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को होगा। शासकीय काॅलेजों में सीटें बढ़ने से विद्यार्थियों को शासकीय स्तर पर अधिकाधिक मौका मिलेगा और निजी काॅलेजों में उन्हें डाक्टरी की पढ़ाई केे लिए मोटी फीस देने से भी राहत मिलेगी।
1820 सीटों पर एडमिशन
इस बार चिकित्सा शिक्षा संचालनालय द्वारा विभिन्न चरणों की काउंसिलिंग के माध्यम से शासकीय और निजी मेडिकल काॅलेजों की 1820 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसमें शासकीय मेडिकल काॅलेज की स्थायी सीटों के साथ केंद्र से मिली ईडब्ल्यूएस की सीटें भी शामिल थीं। प्रदेश में अभी तीन निजी मेडिकल काॅलेज संचालित हो रहे हैं, जहां 450 सीटें हैं। छह सौ और सीटें बढ़ने के बाद निजी और शासकीय मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की सीटों की संख्या चौबीस सौ के लगभग हो जाएगी।
यूक्रेन लौटने लगे युद्ध प्रभावित छात्र
यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से चिकित्सा की पढ़ाई अधूरी छोड़कर लौटे छात्रों के वापस यूक्रेन लौटने का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में ऐसे छात्रों की संख्या दो सौ से अधिक रही। छात्र और उनके परिजन युद्ध का हवाला देकर राज्य के मेडिकल काॅलेजों में पढ़ाई की अनुमति मांग रहे थे, जो पूरी नहीं हुई। इसके साथ यूक्रेन से होने वाली ऑनलाइन पढ़ाई को भी यहां मान्यता देने से इंकार कर दिया गया था। पढ़ाई के अंतिम दौर में पहुंच चुके करीब 70 फीसदी छात्र वापस लौट चुके हैं और बाकी भी जाने की तैयारी कर चुके हैं।
शासकीय मेडिकल काॅलेज वर्तमान प्रस्तावित वृद्धि
रायपुर 150 50
बिलासपुर 150 50
अंबिकापुर 100 50
रायगढ़ 60 40
प्रस्तावित नए काॅलेज
कबीरधाम 100
जांजगीर 100
मनेन्द्रगढ़ 100
दंतेवाड़ा 100
पूरी कर रहे प्रक्रिया
चार स्थानों में नए मेडिकल काॅलेज प्रस्तावित हैं। इसके लिए स्थल चयन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। साथ ही कुछ पुराने काॅलेजों में सीटों की क्षमता बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
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