Medicines : मौसमी आफत से थोक दवा बाजार गर्म, रोज गटक रहे दस करोड़ की एंटीबायोटिक दवा

रायपुर। बारिश के मौसम में आई फ्लू (eye flu)के बाद वायरल फीवर (viral fever)और डेंगू (dengue)के संक्रमण के साथ प्रदेश में दवाओं (medicines)की खपत पचास से साठ प्रतिशत तक बढ़ गई है। वायरल फीवर और डेंगू काफी दिनों तक पीछा नहीं छोड़ रहा है जिसकी वजह से दवा बाजार में एंटीबायोटिक दवाओं(Antibiotic medicines) की खपत प्रतिदिन दस करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है।संक्रमण को दूर भगाने पैरासिटामोल की जरूरत पड़ रही है। और लोग चार से पांच करोड़ की दवा खरीद रहे हैं।
बारिश के मौसम में लोगों को बीमार करने वाले विभिन्न तरह के वायरस सक्रिय हो जाते हैं। इस बार कुछ ही अंतराल में तीन तरह के वायरस ने लोगों को हलाकान कर दिया था। कुछ समय पहले आईफ्लू की वजह से लोगों की आंखें लाल रही। इसका प्रकोप कम हुआ तो वायरल फीवर और डेंगू के संक्रमण ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।चिकित्सकों की माने तो दोनों बीमारियों के लक्षण मिलते-जुलते है और इलाज भी लगभग एक ही प्रकार की दवाओं से होता है। मरीज को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत पड़ रही है, पैरासिटामोल बुखार उतारने के लिए आवश्यक होता है। लोगों के बीमार होने का सीधा असर दवा बाजार पर हुआ है और दोनों तरह की दवाओं की डिमांड साठ प्रतिशत तक बढ़ गई है। सामान्य दिनों में एंटीबायोटिक दवा की खपत लगभग पांच करोड़ की होती है जो अभी 10 करोड़ तक जा पहुंची है, इसी तरह बुखार उतारने वाला पैरासिटामोल की डिमांड बढ़कर चार से पांच करोड़ हो चुकी है।
थोक बाजार से पड़ोसी राज्यों को भी सप्लाई
रायपुर के थोक दवा बाजार से राज्यभर में दवाओं की सप्लाई तो होती ही है, ओडिशा, तेलंगाना समेत पड़ोसी राज्यों के दवा कारोबारियों का आर्डर भी यहां से पूरा किया जाता है। बताया जा रहा है कि राज्यभर में ही महीने में 300 करोड़ से ज्यादा का दवा कारोबार होता रहा है।
बढ़ चुकी है दवाओं की मांग
रायपुर जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, बारिश के मौसम में विभिन्न संक्रामक बीमारियों की शिकायत बढ़ जाती है और लोगों को ज्यादा दवा की आवश्यकता होती है। इस बार डेंगू और वायरल की समस्या की वजह से एंटीबायोटिक और पैरासिटामोल की डिमांड पचास प्रतिशत बढ़ चुकी है।
दवा की ज्यादा खुराक
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक वायरल के स्वरूप में थोड़ा बदलाव हुआ है और यह सप्ताहभर तक लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। आमतौर पर मरीजों को तीन से पांच दिन की दवा दी जाती है, इस बार उन्हें दोगुनी खुराक देने की आवश्यकता पड़ रही है। एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत भी अधिक हो रही है, जिसकी वजह से दवा दुकानों में इसकी मांग बढ़ी हुई है।
डेंगू, प्लेटलेटस बढ़ाने दवा की डिमांड
थोक दवा कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अभी डेंगू की शिकायत बढ़ी हुई है। डेंगू की सबसे बड़ी समस्या प्लेटलेट्स में गिरावट के रूप में सामने आती है। सही समय पर इसका इलाज नहीं किए जाने से परिणाम काफी बुरा भी होता है। प्लेटलेट्स के लिए पपीते के रस को वैज्ञानिक आधार पर स्वीकारा जा चुका है। पपीते के रस से बनी कैरीपापा नामक टेबलेट्स और सिरप की डिमांड भी दवा बाजार में बनी हुई है।
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