पालिकाध्यक्ष के खिलाफ सीएम के नाम ज्ञापन : खबर छापी तो थाने में लिखाई झूठी शिकायत, एकजुट हुए पत्रकार

पालिकाध्यक्ष के खिलाफ सीएम के नाम ज्ञापन : खबर छापी तो थाने में लिखाई झूठी शिकायत, एकजुट हुए पत्रकार
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इधर ख़बर छापने के बाद पत्रकार के विरुद्ध थाने में की गई शिकायत की जानकारी लगने पर पत्रकारों ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए न सिर्फ इस घटना की निंदा की बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर, एसपी को ज्ञापन सौंपा है। क्या है पूरा माजरा, पढ़िए...

मुंगेली। नगर पालिका अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी के विरोध में मुंगेली के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर एवं एसपी को ज्ञापन सौंपा है। पत्रकारों ने ज्ञापन में कहा है कि एक प्रतिष्ठित अखबार से जुड़े प्रतिनिधि और एक न्यूज़ पोर्टल के संपादक ने अपने न्यूज़ पोर्टल में नगर पालिका मुंगेली अंतर्गत होने वाले विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया को लेकर खबर प्रकाशित प्रसारित किया था, जिसमें स्थानीय एवं चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की आशंका जाहिर करते हुए बाहरी ठेकेदारों को टेंडर से दूर रखने के जिक्र किया गया था। इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए खबर प्रसारित होने के बाद पालिका अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी ने पत्रकार को ही झूठे मामले के फंसाने के लिए शिकायत थाने में की है। जो कि मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास है। साथ ही लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। दरअसल इस खबर के प्रसारित होने के बाद मुंगेली नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी ने अपने समर्थक पार्षद एवं कुछ स्थानीय ठेकेदारों के साथ सिटी कोतवाली थाने में जाकर खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि यह ख़बर निराधार है एवं उन्हें भयादोहन दिखाकर ब्लैकमेलिंग करने की मंशा से उनकी छवि धूमिल की जा रही है। इधर ख़बर छापने के बाद पत्रकार के विरुद्ध थाने में की गई शिकायत की जानकारी लगने पर पत्रकारों ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए न सिर्फ इस घटना की निंदा की बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर, एसपी को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि एक तरफ जहां राज्य सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर खबर छापने वाले पत्रकार को झूठे मामले में फंसाने शिकायत की जा रही है, इससे यह प्रतीत होता है कि पत्रकारों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता उजागर करने वाले पत्रकारों को इस तरह के मामलों में फंसाया गया तो यह लोकतंत्र की हत्या माना जायेगा। स्थानीय पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से पत्रकारों को इस तरह के भयादोहन से बचाने की मांग की है।



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