मिनी माता महतारी जतन योजना : श्रमिक परिवारों के लिए वरदान बनी योजना, सीधे आर्थिक मदद से बच्चों के पालन-पोषण स्तर में आया सुधार

मनहरण सोनवानी-महासमुंद। छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया श्री भूपेश बघेल की पहल पर शासन ने गर्भवती महिलाओं को सहायता देने के लिए मिनी माता महतारी जतन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से उन गर्भवती महिलाओं को सहायता दी जा रही है, जो भवन निर्माण और असंगठित क्षेत्र में निर्माण के कार्य में मजदूरी करती हैं या जिनके पति मजदूरी करते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की मिनी माता महतारी जतन योजना से श्रमिक परिवारों में जच्चा और बच्चा की देखभाल करना अब आसान हो गया है। सरकार गर्भवती महिलाओं की संस्थागत डिलीवरी के लिए 20 हजार की सहायता देती है। महासमुंद जिले में मिनी माता महतारी जतन योजना का लाभ जनवरी 2019 से वर्तमान महीने तक 2087 हितग्राहियों को मिला है। जिसमें सुभाष नगर, महासमुंद निवासी श्रीमती प्रमिला यादव को मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ प्रदान करते हुए 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई।

मेरे बच्चे की देखभाल अच्छी हो पाई : प्रमिला
हितग्राही प्रमिला ने बताया कि उनके पति छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत रेजा प्रवर्ग में पंजीकृत श्रमिक है। उन्होंने योजना की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार प्रारंभ से ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। प्रमिला ने बताया कि उनके द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग बच्चे के रहन-सहन एवं उचित देखभाल में किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का आभार जताते हैं लाभार्थी
हितग्राही ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों के कल्याणकारी योजना का संचालन करने हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया। प्रमिला ने कहा कि मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ मिलने से बच्चों की सेहत का देखभाल ठीक ढंग से हो जाता है। यकीनन छत्तीसगढ़ सरकार की योजना श्रमिक परिवार की गर्भवती महिलाओं को बहुत मदद पहुंचा रही है।

किन परवारों को और कैसे मिलता है योजना का लाभ
गौरतलब है कि मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ लेने के लिए महिला श्रमिकों का छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत महिला या पति निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीयन होना अनिवार्य है। योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही को बच्चे के जन्म के 90 दिन के भीतर श्रमिक पंजीयन प्रमाण पत्र, राशनकार्ड, आधार कार्ड व उत्तराधिकारी का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाईल नम्बर एवं शिशु के जन्म प्रमाण पत्र तथा मूल दस्तावेज के साथ श्रम विभाग, लोक सेवा केन्द्र या व्हीएलई के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा ।
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