मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केंद्र को लिखा खत, रेलवे में यात्री सुविधाएं बहाल करने की रखी मांग

मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केंद्र को लिखा खत, रेलवे में यात्री सुविधाएं बहाल करने की रखी मांग
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उनका कहना है कि औद्योगिक तीर्थ कहे जाने वाली कोरबा को ट्रेन सुविधाओं से वंचित रखा गया है जबकि अन्य राज्यों और जिलों को यात्री सुविधाएं काफी हद तक दुरुस्त कर दी गई हैं। पढ़िए पूरी खबर-

कोरबा। प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने रेल मंत्री को खत लिखा है। जयसिंह अग्रवाल ने यात्री ट्रेन चलाने की मांग रखी है। उनका कहना है कि औद्योगिक तीर्थ कहे जाने वाली कोरबा को ट्रेन सुविधाओं से वंचित रखा गया है जबकि अन्य राज्यों और जिलों को यात्री सुविधाएं काफी हद तक दुरुस्त कर दी गई हैं। कोरबा से नाम मात्र की जो ट्रेनें फरवरी 2020 तक चल रही थी, उन्हें रोक दिया गया। अब कोरोना वायरस से मुक्ति का समय आ गया है, वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया है किंतु रेल प्रबंधन यात्री सुविधाएं बहाल करने की बजाय सिर्फ माल ढुलाई कर आय का रिकॉर्ड बनाने में व्यस्त है।

कोरबा विधायक व छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह ने रेल मंत्री को भेजे गये पत्र में बताया है कि कोरबा में केंद्र और राज्य सरकार तथा निजी उपक्रम क्रियाशील है, जिसमें पूरे भारत के लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यात्री ट्रेनों के अभाव में लोग काफी परेशान हैं। जो गाड़ियां कोरोना संक्रमण के कारण रोक दी गई थी, उन्हें तत्काल चालू करने की मांग राजस्व मंत्री ने की है।

मंत्री अग्रवाल ने याद दिलाया है कि लगभग 3 वर्ष पहले कोरबा विकास समिति का एक प्रतिनिधि मंडल जिसमें जयसिंह अग्रवाल स्वयं शामिल थे, केंद्र सरकार के पिछले कार्यकाल में रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिला था। उसका ही परिणाम था कि कुछ दिन बाद पीयूष गोयल जब कोरबा प्रवास पर आए थे तो उन्होंने कोरबा से रायपुर के मध्य एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की सौगात दी थी। इस ट्रेन का अब तक परिचालन पुनः प्रारंभ नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि कोरबा विकास समिति के आवहान पर सभी सियासी दलों से जुड़े राजनेताओं ने एक मंच पर आकर मांग उठाई थी। वर्तमान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और तत्कालीन सांसद स्वर्गीय डॉक्टर बंशीलाल महतो के सक्रिय सहयोग का ही प्रतिफल था कि कोरबा को राजधानी से प्रतिदिन जोड़ने वाली हसदेव एक्सप्रेस सौगात के रूप में मिली थी। इस आंदोलन को राजनेताओं के अलावा सभी श्रमिक संगठनों समाजसेवी संगठनों समेत पूरे कोरबा का साथ मिला था ।

हसदेव एक्सप्रेस समेत अन्य यात्री गाड़ियों को कोरोना काल में रोक दिए जाने से लोग परेशान है। लिंक एक्सप्रेस व अन्य सप्ताह में एक-दो दिन चलने वाली ट्रेनों से लाभ तो दिया जा रहा है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है।








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