सरकारी पैसों का बंदरबांट : सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, कलेक्टर के यहां आरटीआई लगा 20 वर्षों के विकास कार्यों की मांगी जानकारी

पंकज भदौरिया/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्य यदि हर पंचायत के सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक ईमानदारी से करे तो, गांव की तस्वीर और आदिवासी ग्रामीणों की तकदीर बदलने में देर नहीं लगेगी, लेकिन दंतेवाड़ा जिले के अंदरूनी ब्लाक कटेकल्याण की धनीकरका ग्राम पंचायत में वर्षों से होने वाले विकास कार्यों में बंदरबांट कर ग्राम के सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक मिलकर कर रहे हैं। बदले में गांव के ग्रामीणों को कोई भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ धनीकरका के ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। गांव के नाराज ग्रामीणों ने मिलकर सामूहिक रूप से एक आरटीआई दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार के पास लगा अपने ही गांव में हुए सरकार की समस्त योजनाओं में किये गए कार्यों में आय व्यय की जानकारी और वर्षभार की मांग धनीकरका पंचायत के पूर्व सरपंच दाड़ोराम के सहयोग से की है।
20 वर्षों के काम-काज की मांगी सूची
ग्रामीणों ने आरटीआई के माध्यम से इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा के अंतर्गत 20 वर्षों से किए गए कार्यों की सूची मांगी है। जानकारी के लिए बता दे कि धनीकरका गांव बेहद ही पिछड़ा और नक्सलग्रस्त इलाका है, जहां ग्रामीण अब सड़क, पुल, पुलिया और विकास चाहते हैं। मगर ग्रामीणों का कहना है कि, गांव में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक गांव तक पहुंचने वाली हर योजना में भ्रष्टाचार कर गांव की हालत ज़स की तस वर्षों से बना रखे हैं।
ग्रामीणों में भी झलका आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव में विकास कार्य नहीं होने से यहां के लोगों को रोजगार भी नहीं मिलता, जिसके कारण वे इधर उधर मजदूरी करने जाया करते हैं, लेकिन गांव के जनप्रतिनिधि सरकारी पैसों से अपनी जेब गर्म कर रहे हैं। जानकारी मिलने पर सामने आ जाएगा की इन जन प्रतिनिधियों ने कितना भ्रष्टाचार किया है।
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