मनरेगा : केन्द्र ने मान ली छत्तीसगढ़ की बात, श्रमिकों को मिलेगा अब ज्यादा रोजगार

रायपुर। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के लेबर बजट में डेढ़ करोड़ मानव दिवसों की बढ़ोतरी की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सृजन का लक्ष्य साढ़े 13 करोड़ मानव दिवसों से बढ़कर 15 करोड़ मानव दिवस हो जाएगा।
राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव एवं अन्य अधिकारियों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में इसकी सहमति दी गई।
छत्तीसगढ़ पूर्व में भारत सरकार द्वारा निर्धारित साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती पांच महीनों में ही साल भर के लक्ष्य का 70 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए इस वर्ष का लेबर बजट बढ़ाने भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को दिए थे।
इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद आज केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लेबर बजट में डेढ़ करोड़ मानव दिवसों की वृद्धि की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक मनरेगा के अंतर्गत कुल नौ करोड़ 46 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया जा चुका है। इस दौरान 26 लाख से अधिक परिवारों के करीब 48 लाख 70 हजार श्रमिकों को काम दिया गया है। वहीं 79 हजार 835 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार भी मुहैया कराया गया है।
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