चलित चिकित्सा यूनिट का शेडयूल गड़बड़ाया, स्लम बस्ती में नियमित नहीं पहुंच रही मोबाइल वैन

प्रदेश के 13 नगर निगमों की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को बीपी, शुगर, खून, पेशाब की जांच, मलेरिया की जांच, गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण सहित 40 अलग-अलग तरह के मर्ज का मुफ्त इलाज के मकसद से शुरू की गई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना ठेका एजेंसी की मनमानी के कारण दम तोड़ती नजर आ रही है। राजधानी रायपुर के 70 वार्डाें के लिए प्रथम चरण में 15 मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई पर कुछ समय तक यह सेवा ठीक-चलने के बाद फिस्स हो गई है।
शेड्यूल तय करने जोन कमिश्नरों को नहीं पूछते
नगर निगम के 10 जोन के लिए 15 मोबाइल चलित चिकित्सा वैन झुग्गी बस्तियों में त्वरित उपचार के लिए ठेका एजेंसी से हायर की गई है। इसमें दाई दीदी नाम से एक वैन अलग से सुरक्षित है जिसमें लैब टेक्नीशियन, डॉक्टर से लेकर असिस्टेंट सभी महिलाएं हैं। यह वैन केवल महिलाओं को चिकित्सकीय परामर्श एवं नि:शुल्क इलाज के लिए उपलब्ध कराई गई है। 14 वैन दस जोन के 70 वार्ड को कवर करने के लिए रखी गई हैं। हैरानी की बात ये है कि कोरोनाकाल में मोबाइल चलित चिकित्सा वैन कौन से वार्ड में कब और किस समय पहुंचेगी। इसका शेड्यूल ठेका एजेंसी के कर्मचारी तय कर रहे हैं। जोन कमिश्नरों को पूछे बगैर वैन का शेड्यूल करने से वार्डवासियों को इसकी समुचित जानकारी नहीं मिल रही।
सप्ताहभर से प्रोगाम नहीं आया
जोन 3 में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 7 वार्डों में मोबाइल मेडिकल यूनिट का शेड्यूल क्या है? इसकी जानकारी सप्ताहभर से जोन अध्यक्ष को नहीं मिली। डॉ. प्रमोद साहू ने बताया है कि निगम वालों ने एक सप्ताह से प्रोग्राम ही नहीं भेजा।
महीनाभर से नहीं आ रही गाड़ी
शहीद चंद्रशेखर आजाद वार्ड पार्षद सावित्री-जयमोहन साहू के वार्ड में एक माह से स्लम बस्ती वालों ने मोबाइल मेडिकल यूनिट की झलक तक नहीं देखी। वार्ड पार्षद ने बताया है कि 45 प्लस के टीकाकरण के समय शिविर के दौरान यह वैन वार्ड में पहले आती थी पर एक महीने से वैन नदारद है।
लाइनअप नहीं करते अधिकारी
शहीद चूड़ामणि वार्ड में मोबाइल मेडिकल यूनिट के आने-जाने की जानकारी नगर निगम मुख्यालय में बैठे नोडल अधिकारी वार्ड पार्षद को नहीं दे रहे। इस वजह से झुग्गी बस्ती के रहवासियों तक इसकी जानकारी नहीं पहुंच रही। वार्ड पार्षद दीपक जायसवाल का कहना है कि वैन वाले लाइनअप नहीं कर रहे। एक साल पहले बैनर पोस्टर के साथ जब शिविर लगाते तो मेयर से लेकर निगम के आला अधिकारी तक व्यवस्था देखनेे आ जाते थे पर अब ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया है कि रामकुंड और साहूपारा सहित निचली बस्ती के लोगों से चलित चिकित्सा यूनिट वालों ने एक साल पहले मजदूर कार्ड बनवाने का वादा करते हुए बड़ी संख्या में शिविर में फार्म भरवाए पर आज तक सैकड़ों लोगों के मजदूर कार्ड बनाकर नहीं दिए। इस वजह से मोबाइल मेडिकल यूनिट वालों पर लोगों का भरोसा नहीं रहा।
शेडयूल बनाने कहा है
45 प्लस वालों के टीकाकरण के प्रथम डोज के समय 15 मोबाइल मेडिकल यूनिट को इस कार्य में लगाया गया था। बीच में कुछ दिनाें तक गाड़ियां बंद रहीं। अब पूर्व की तरह चलित मोबाइल मेडिकल यूनिट को स्लम बस्तियों में लगाया गया है। जोन कमिश्नरों से समन्वय बनाकर ठेका एजेंसी को शेड्यूल बनाने निर्देश दिया गया है।
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