प्ले स्कूल की तर्ज पर बना आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र, कोरबा कलेक्टर ने की प्रशंसा

प्ले स्कूल की तर्ज पर बना आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र, कोरबा कलेक्टर ने की प्रशंसा
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शहरी क्षेत्र में पाए जाने वाले किसी भी आधुनिक प्ले स्कूल की तर्ज पर बना यह केंद्र वर्तमान समय में हर प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। पढ़िए पूरी खबर-

कोरबा। रंगीन चित्रों से सजीं दीवारें, झूले आप इसे किसी प्ले स्कूल का दृश्य समझने की भूल न करें दरअसल यह प्ले स्कूल जैसी सुविधाओं से लैस यह कोरबा जिले के साकेत नगर का मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र है। शहरी क्षेत्र में पाए जाने वाले किसी भी आधुनिक प्ले स्कूल की तर्ज पर बना यह केंद्र वर्तमान समय में हर प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। कोरबा कलेक्टर रानू साहू भी वजन त्योहार पखवाड़े के औचक निरीक्षण में यहां पहुंची और आंगनबाड़ी केंद्र को देखकर इसकी प्रशंसा की। वहीं नवीन आंगनबाड़ी की स्वीकृति प्रदान कर दी।


यह सत्य है कि शिक्षा की बुनियाद सिर्फ संसाधनों की उपलब्धता से मजबूत नहीं होती है। लेकिन बात यदि बच्चों की शिक्षा की हो तो शिक्षण संस्थान में बाल सुलभ सुविधाओं की मौजूदगी बच्चों में आकर्षण पैदा करती है। जो बाद में उनकी शिक्षा की नींव तैयार करती है। कोरबा जिले के साकेत नगर में बने मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र में चित्रों के माध्यम से शिक्षा को मनोरंजक और रूचिकर बनाकर बच्चों को अक्षर ज्ञान देने जैसे नवाचारों का प्रयोग किया गया है। इसलिए यह केंद्र सिर्फ एक सरकारी भवन नहीं बल्कि बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस केंद्र की दीवारों पर ज्ञानवर्धक तस्वीरें व कुछ नारे लिखवाए गए हैं। यही नहीं, यहां आने वाले बच्चों के लिए खिलौने भी उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि छोटे-छोटे बच्चे यहां खेल-खेल में भी पढ़ना-लिखना सीख सकें। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा और अच्छा शैक्षणिक वातावरण मिल रहा है। इससे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है। जो उनकी बौद्धिक योग्यता को बढ़ा कर उनके लिए बेहतर शिक्षा की राह आसान कर रही है।


इस मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसके लिए नवीन आधुनिक पद्धतियों को अपनाकर बच्चों को सरलतम तरीके से शिक्षा देने की पहल की गई है। बच्चों को उनकी स्थानीय बोली और भाषा में कविता, कहानी और गीतों के माध्यम से भी सिखाया जा रहा है। आंगनबाड़ी भवन की दीवार, छत, फर्श और बाहरी स्थलों में बनाए गए कलाकृतियों से नन्हे बच्चों को अक्षर बोध, रंगों को पहचानना, चित्रों के माध्यम से जानवरों के नाम को जानना, प्रारंभिक स्तर पर अंकों का ज्ञान के साथ छोटी-छोटी जानकारी बोलने, समझने में मदद मिलती है। आंगनबाड़ी की छत पर सौर मंडल, फर्श पर अक्षर और अंक, दीवारों पर अंग्रेजी और हिन्दी के अक्षरों के साथ जानवरों के चित्र बच्चों को खूब लुभाते हैं। नवीनतम तकनीक के इस प्रयोग से इस क्षेत्र शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिल रही है।


पूर्व पार्षद विकास अग्रवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान 2 आंगनबाड़ी केंद्रों को सर्वप्रथम आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का बीड़ा उठाया था। साकेत नगर के ही तुलसी नगर के आंगनबाड़ी केंद्र का कायाकल्प करने के लिए युवा व्यवसायी विकास अग्रवाल ने समाज के लोगों से सहयोग लेकर पहले तो आंगनबाड़ी की सूरत बदली फिर तरह तरह के प्रयोग कर आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया। फिलहाल विकास अग्रवाल की धर्मपत्नी इस वार्ड की पार्षद हैं।

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