मोदी जी... छत्तीसढ़ियों के तो सिर चढ़कर बोल रहा है ओपी का जादू...

मोदी जी... छत्तीसढ़ियों के तो सिर चढ़कर बोल रहा है ओपी का जादू...
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चन्द्रकान्त शुक्ला

गुरुवार की सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे थे... मैं अभी बस आफिस में पहुंचकर अपना कम्प्यूटर चालू कर ही रहा था कि तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी... अन नोन नंबर था तो इग्नोर करने की सोच ही रहा था.. लेकिन दोबारा काल आ गया उसी नंबर से। मैंने अनमने मन से काल रिसीव कर हेलो... बोला। सामने से आ रही आवाज किसी बुजुर्ग लेडी की थी। उन्होंने बाकायदा मेरा नाम लेकर पूछा... आप चन्द्रकान्त शुक्ला बोल रहे हैं.. मैं थोड़ा संभलते हुए बोला... जी... बोल रहा हूं... उन्होंने आगे जो कहा.. वह मुझे अचंभित करने वाला था। वे कहती हैं कि, आप लोग छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री के को लेकर कई नामों के बारे में लिख रहे हैं... ओपी चौधरी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए क्यों नहीं लिखते? मैंने सफाई देते हुए कुछ कहने की कोशिश की तो उन्होंने तत्काल मेरी बात काटते हुए जो कहा... वह मेरे लिए शाकिंग था। वे कहने लगीं कि, लगता है पत्रकार लोग भी नहीं चाहते कोई पढ़ा लिखा, प्रदेश का और युवाओं का भला चाहने वाला मुख्यमंत्री बने। लगभग पांच मिनट तक वे कभी फ्रिक्वेंटली इंग्लिश में तो कभी गंभीरता भरे अंदाज में शुद्ध हिंदी में मुझे समझाती रहीं कि, क्यों ओपी चौधरी ही छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री होना चाहिए।

इस दौरान मेरे हर तर्क वे खारिज करती चली गईं। मैंने कहा-कि अभी वे युवा हैं, उनसे कई सीनियर लीडर चुनाव जीतकर आए हैं। सीनियर लीडर्स को वे कैसे हैंडल कर पाएंगे। ओपी IAS अफसर रहे हैं। उनसे कई सीनियर IAS अफसर राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था संभाल रहे हैं, उन्हें आकवर्ड फील हो सकता है। पर वे ओपी के ही गुण गाती रहीं। वे कहती रहीं कि, मोदी जी तक ये बात पहुंचनी चाहिए कि, यहां के लोग ओपी को ही सीएम देखना चाहते हैं। उनकी बातों में जो गंभीरता थी उससे मुझे ऐसा लगा कि, जरूर वे या तो किसी कालेज या हाई स्कूल से बतौर प्रिंसिपल या प्रोफेसर रिटायर्ड होंगी। मैंने उनसे पूछा भी... क्या आप कभी ओपी से मिली हैं? तो उन्होंने साफ कहा... नहीं... मैं उनसे मिली तो नहीं हूं.. लेकिन उनके विडियोज देखे हैं। खेती को लेकर उनको बहुत जानकारी है। वे युवाओं से बात करते हैं तो युवा मंत्रमुग्ध होकर उनको सुनते हैं। उनके बारे में घर के बच्चों से भी बहुत सुनी हूं...।


उनके तर्क इतने सालिड थे कि मैं निरूत्तर था। मुझे हारकर उनसे यह वादा करना पड़ा कि, ठीक है मैम... आज मैं जरूर ओपी के बारे में लिखूंगा। वादे के अनुरूप लिखना शुरू किया तो उनकी बातें ही ध्यान में आती रहीं... और मैंने वह सब लिख भी दिया।

बहरहाल ये तो हो गया एक वाकया... जिसका आज मुझे सामना करना पड़ा। लेकिन 3 दिसंबर से ही छत्तीसगढ़ में बस एक ही सवाल हर कोई एक- दूसरे से पूछ रहा है... कौन बन रहा है मुख्यमंत्री? फिर खुद ही जवाब देते भी सुने जाते हैं... ओपी को बनाना चाहिए। ये हाल केवल युवाओं का नहीं... क्या महिलाएं, क्या बुजुर्ग... सभी की जबान पर ओपी बसा है। मैंने पिछले कुछ दिनो में कौन बनेगा छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री? वाले अनेक वीडियो यू ट्यूब पर भी देखे। किसी में युवाओं से कोई पूछ रहा है तो किसी विडियो में पत्रकार नुमा व्यक्ति किसी गांव में जाकर ग्रामीणों से पूछ रहा है... हर दूसरा व्यक्ति बस एक ही नाम लेता सुनाई देता है... ओपी... ओपी को बनाना चाहिए।

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