मनी लॉन्ड्रिंग मामला : सूर्यकांत तिवारी के करीबी कारोबारी ने किया सरेंडर, लंबे समय से ED के साथ खेल रहा था लुकाछिपी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही ईडी की कार्रवाई में एक और कारोबारी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सरेंडर किया है। बताया जा रहा है कि, करीब 2 महीने से यह कारोबारी ईडी कार्रवाई से बचा हुआ था, लेकिन अब यह ईडी के चंगुल में फंस चुका है। दरअसल इस मामले में ईडी ने कारोबारी के खिलाफ अपनी कार्रवाई का अनोखा जाल बुना और राजधानी रायपुर की एक कॉलोनी में ईडी की टीम ने छापेमारी करते हुए कारोबारी के घर में दबिश दी।
इसके बाद ईडी के अफसर कारोबारी के घर वालों से पूछताछ करने लगी। इसकी खबर जैसे ही कारोबारी को हुई, वह हड़बड़ा कर आज सुबह ईडी के दफ्तर पहुंचा और सरेंडर कर दिया। कारोबारी का नाम निखिल चंद्राकर बताया जा रहा है। यह कारोबारी जेल में बंद कारोबारी सूर्यकांत तिवारी का यह खास है। फिलहाल इस मामले में निखिल चंद्राकर से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही इसे अदालत में पेश भी किया जा सकता है।
चौरसिया के बाहर आने से हो सकती सबूतों से छेड़छाड़
वहीं, इस मामले में सौम्या चौरसिया की हिरासत अवधि बढ़ा दी गई। बीते सोमवार ईडी ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विशेष अदालत में पेश किया। यहां एजेंसी के आवेदन पर उन्हें 2 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में ही रखे जाने का आदेश जारी किया गया है। इस बीच सरकार ने सौम्या चौरसिया को निलंबित कर दिया। वहीं, ED की ओर से एक आवेदन देकर कहा गया कि चौरसिया के बाहर निकलने से सबूतों से छेड़छाड़ का खतरा होगा। दलीलों को सुनने के बाद विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत की अवधि 2 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। सौम्या को ED ने दो दिसम्बर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दूसरे आरोपी निलंबित IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को 13 जनवरी को भी अदालत में पेश किया जाना है।
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